मकर संक्रांति के मौके पर क्षिप्रा में स्नान करते श्रद्धालु (फाइल फोटो)
उज्जैन:
शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर पवित्र नदियों, सरोवरों और तालाबों में स्नान से पुण्य अर्जित होता है. आस्था के इसी नजरिए से मध्य प्रदेश सरकार उज्जैन में क्षिप्रा नदी के रामघाट पर मकर संक्रांति के मौके पर श्रद्धालुओं द्वारा डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए नजदीकी जिले देवास के क्षिप्रा बैराज से बुधवार की सुबह नर्मदा का पानी छोड़ेगी.
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आधिकारिक तौर पर सोमवार को दी गई जानकारी के अनुसार, बुधवार की सुबह देवास के क्षिप्रा बैराज से पानी छोड़ा जाएगा. नर्मदा का पानी 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर रामघाट पहुंचेगा.
जिलाधिकारी संकेत भोंडवे ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय खत्री को थाना क्षेत्रों में और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) क्षितिज शर्मा को उज्जैन तहसील के क्षिप्रा नदी किनारे के गांवों के निवासियों को पानी छोड़े जाने की सूचना डोंडी पिटवाकर देने के निर्देश दिए हैं, ताकि अचानक जलस्तर बढ़ने पर किसी तरह की जनहानि न हो.
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उल्लेखनीय है कि संक्रांति के अवसर पर स्नान के लिए रामघाट पर शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए क्षिप्रा बैराज से दो एमसीएम पानी छोड़ा जाएगा.
जिलाधिकारी ने नगर निगम, जल संसाधन विभाग को पुलिस के साथ 11 एवं 12 जनवरी को क्षिप्रा नदी पर बने स्टॉपडैम की निगरानी करने के निर्देश भी दिए हैं, जिससे असामाजिक तत्वों द्वारा पानी के प्रवाह के साथ छेड़छाड़ न की जा सके.
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उल्लेखनीय है कि मकर संक्रांति हर साल 14-15 जनवरी को तब मनाया जाता है, जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण होते हैं. देश के अलग-अलग भागों में इससे जुड़ी मान्यताओं के अनुसार विधि-विधान और अनुष्ठान किए जाते हैं.
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इनपुट IANS से भी...
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