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This Article is From Jun 15, 2023

आज है मिथुन संक्रांति, यहां जानिए पूजा विधि और स्नान दान का महत्व

Sankranti 2023 : आर्टिकल में हम मिथुन सक्रांति कब है बताने जा रहे हैं, ताकि आप उस शुभ समय में किए जाने वाले दान धर्म को कर सकें और सूर्य देव का आशिर्वाद प्राप्त कर पाएं, तो चलिए जानते हैं बिना देर किए.

आज है मिथुन संक्रांति, यहां जानिए पूजा विधि और स्नान दान का महत्व
Puja vidhi : मिथुन संक्रांति के दिन विष्णुसहस्त्रनाम और आदित्य सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत अच्छा माना जाता है.

Mithun sankranti 2023 : जब सूर्य देव वृष राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस घटना को ज्योतिष शास्त्र में मिथुन संक्रांति कहते हैं. संक्रांति की जो अवधि होती है वो बहुत कम समय की होती है. इस बार मकर संक्रांति कि अवधि, शुभ मुहूर्त, पूण्यकाल कितने से कितने बजे तक है, इसके बारे में आर्टिकल में बताने जा रहे हैं, ताकि आप शुभ समय में मकर संक्रांति को किए जाने वाले दान धर्म को कर सकें और सूर्य देव का आशिर्वाद प्राप्त करें, तो चलिए जानते हैं बिना देर किए.

आषाढ़ अमावस्या है इस दिन, जानिए स्नान दान करने का शुभ मुहूर्त

आज है मिथुन संक्रांति

  • हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल सूर्य मिथुन राशि में (Mithun rashi) में 15 जून दिन गुरुवार को प्रवेश करेंगे. आपको बता दें कि इस राशि में जब सूर्य देव प्रवेश करेंगे तो उनका वाहन हाथी हो जाएग. इसमें प्रवेश करते समय सूर्य देव हाथ में धनुष लिए लाल वस्त्र में होंगे. वहीं, उपवाहन गर्दभ होगा. 

मिथुन संक्रांति शुभ समय

  • आपको बता दें कि 15  जून को शाम 6:29 पर सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. इस बार पुण्यकाल का जो समय है वो 06:19 मिनट से लेकर 07:20  तक होगा. कुल मिलाकर यह अवधि एक घंटे की होगी. इसी समय में आपको स्नान और दान दोनों करना होगा. 
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  • इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करके अपनी क्षमता अनुसार गेहूं, गुड़, लाल कपड़े या फूल का दान कर सकते हैं. आपको बता दें कि इस संक्रांति पर सुकर्मा योग बन रहा है. यह बहुत ही अच्छा संयोग माना जाता है. इस बार संक्रांति आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की द्नादशी को होगी.
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  • यह ज्योतिषी घटना सुख समृद्धि और सेहत लाती है. इससे अनाज में वृद्धि होती है. यह संक्रांति ना सिर्फ मनुष्यों के लिए बल्कि पशु पक्षियों के लिए बहुत अच्छी साबित होती है. 

  • मिथुन संक्रांति के दिन विष्णुसहस्त्रनाम और आदित्य सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत अच्छा माना जाता है. इस दिन पानी में लाल चंदन मिलाकर सूर्य देव का अर्घ्य देनी चाहिए. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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