
Budh ka Rashi Parvivartan 2025: ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को युवावस्था, बुद्धि, तर्कशक्ति, वाणी और व्यापार का स्वामी माना गया है। यह ग्रह व्यक्ति के लेखन, गणना, वाणिज्य, संवाद, विश्लेषण, स्मरणशक्ति और तकनीकी कौशल को नियंत्रित करता है। कुंडली में शुभ बुध जहां व्यक्ति की चतुराई, बोलने की कला, सफलता, व्यापारिक लाभ और रिश्तों में संतुलन को दर्शाता है तो वहीं अशुभ बुध मानसिक भ्रम, हकलाना, तुतलाहट, शिक्षा में रुकावट, अनिर्णय और तनाव का कारण बनता है।
पंचांग के अनुसार 15 सितंबर 2025 को बुध ग्रह का कन्या राशि मे गोचर (Budh ka Kanya rashi me gochar) करते ही मेष से लेकर मीन राशि के जीवन में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। आइए जानी-मानी ज्योतिषाचार्या एवं वास्तुविद डॉ. डॉ. नीति एस. शर्मा से जानते हैं कि आपकी राशि पर इसका क्या असर पड़ेगा।
बुध के कन्या राशि में गोचर का प्रभाव
बुध (Mercury Transit) का अपनी स्वराशि और उच्च राशि कन्या में प्रवेश करने का अर्थ है कि इस अवधि में वह अपनी पूर्ण शक्ति के साथ सक्रिय रहेगा और जातकों को गहरा प्रभाव देगा। इस गोचर के कारण शिक्षा, व्यापार, लेखन, मीडिया, आईटी, कंसल्टेंसी और शोध से जुड़े लोग खास लाभ पाएंगे। ज्योतिष के अनुसार यह समय तर्कसंगत निर्णय, विश्लेषण और योजना बनाने का उत्तम अवसर है।
बुध के कन्या राशि में गोचर का 12 राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
बुध तीसरे व छठे भाव का स्वामी होकर छठे भाव कन्या में उच्च होगा। शत्रुओं पर विजय, प्रतियोगिता व परीक्षा में सफलता। स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
उपाय: बुधवार को हरे मूंग दान करें।
वृषभ राशि
बुध दूसरे व पाँचवें भाव का स्वामी है, और पाँचवें भाव कन्या में स्थित होगा। संतान सुख, प्रेम में सफलता, शिक्षा और निवेश से लाभ।
उपाय: बुधवार को बच्चों को मिठाई बाँटें।
मिथुन राशि
बुध प्रथम व चौथे भाव का स्वामी है, और चौथे भाव कन्या में रहेगा। घर-परिवार में सुख, प्रॉपर्टी से लाभ, मातृ सुख में वृद्धि।
उपाय: गौमाता को हरा चारा खिलाएँ।
कर्क राशि
बुध तीसरे व बारहवें भाव का स्वामी होकर तीसरे भाव कन्या में स्थित। भाई-बहनों से सहयोग, छोटी यात्राओं से लाभ, लेखन व मीडिया में तरक्की।
उपाय: गरीब बच्चों को कॉपी-पेन दान करें।
सिंह राशि
बुध दूसरे व ग्यारहवें भाव का स्वामी होकर दूसरे भाव कन्या में रहेगा। वाणी से लाभ, धन वृद्धि, परिवार में सामंजस्य।
उपाय: तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएँ।
कन्या राशि
बुध प्रथम व दशम भाव का स्वामी है और लग्न में उच्च का रहेगा। व्यक्तित्व में निखार, आत्मविश्वास, करियर में बड़ी सफलता।
उपाय: गणेश जी को दूर्वा व मोदक अर्पित करें।
तुला राशि
बुध नवम व बारहवें भाव का स्वामी है, और बारहवें भाव कन्या में गोचर करेगा। विदेश से लाभ, आध्यात्मिकता की ओर रुझान, खर्चों में वृद्धि।
उपाय: बुध मंत्र का जाप करें – ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।
Shardiya Navratri 2025: देवी पूजा से जुड़े 9 जरूरी नियम, जिसे माने बगैर नहीं पूरी होती है मनोकामना
वृश्चिक राशि
बुध ग्यारहवें व आठवें भाव का स्वामी है, और ग्यारहवें भाव कन्या में रहेगा। मित्रों से सहयोग, आय में वृद्धि, नए कॉन्ट्रैक्ट।
उपाय: विद्यार्थियों को पुस्तकें दान करें।
धनु राशि
बुध सातवें व दशम भाव का स्वामी है, और दशम भाव कन्या में उच्च का रहेगा। करियर में सफलता, प्रमोशन, व्यापारिक लाभ, दांपत्य जीवन में सुख।
उपाय: बुधवार को हरी सब्ज़ियाँ दान करें।
मकर राशि
बुध छठे व नवम भाव का स्वामी है, और नवम भाव कन्या में स्थित होगा। भाग्य का साथ, उच्च शिक्षा व यात्रा से लाभ, गुरु का आशीर्वाद।
उपाय: ब्राह्मण को हरे वस्त्र दान करें।
कुंभ राशि
बुध पाँचवें व आठवें भाव का स्वामी है, और आठवें भाव कन्या में रहेगा। शोध, बीमा, गुप्त विद्या से लाभ, अचानक धन प्राप्ति।
उपाय: बुध यंत्र की स्थापना करें।
मीन राशि
बुध चौथे व सातवें भाव का स्वामी है, और सातवें भाव कन्या में स्थित होगा। दांपत्य जीवन में सामंजस्य, साझेदारी से लाभ, नए कॉन्ट्रैक्ट।
उपाय: बुधवार को मंदिर में हरे वस्त्र दान करें।
निष्कर्ष:
कन्या राशि में बुध का उच्च और मूलत्रिकोण में प्रवेश सभी राशियों के लिए विशिष्ट महत्व रखता है। यह समय शिक्षा, व्यवसाय, संवाद और करियर में असाधारण उन्नति का है। केवल स्वास्थ्य और अधिक विचार से होने वाले तनाव से बचाव आवश्यक है। इस दौरान गणेश पूजन, हरे रंग का दान, बुध मंत्र का जाप और पन्ना रत्न धारण विशेष रूप से शुभ रहेगा।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं