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साल 2024 का आखिरी खरमास दिसंबर की इस तारीख से हो जाएगा शुरू, इससे पहले कर लीजिए शुभ मांगलिक कार्य

2nd Kharmas 2024 : साल 2024 का अंतिम खरमास कब से कब तक है और इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं ये सारी जानकारी आगे आर्टिकल में दी जा रही है. 

साल 2024 का आखिरी खरमास दिसंबर की इस तारीख से हो जाएगा शुरू, इससे पहले कर लीजिए शुभ मांगलिक कार्य
Which Hindu Gods Are Worshipped in Kharmas : धार्मिक मान्यतानुसार खरमास में सूर्यदेव और भगवान विष्णु की पूजा करने से शांति और समृद्धि प्राप्त होती है. 

Kharmas 2024 In December : हिंदू धर्म में खरमास का महीना बहुत महत्वपूर्ण है. यह साल में 2 बार पड़ता है मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी तक और मध्य मार्च से मध्य अप्रैल तक. जिसकी अवधि 30 दिन की होती है. मान्यतानुसार इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य करना वर्जित है, जैसे-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, नामकरण आदि. ऐसे में साल 2024 का अंतिम खरमास कब से कब तक है और इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं, ये सारी जानकारी आगे आर्टिकल में दी जा रही है. 

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साल 2024 का अंतिम खरमास कब से कब तक -  Kharmas 2024 - 2025

साल 2024 में आखिरी खरमास 16 दिसंबर दिन रविवार से शुरू होगा, जो अगले साल यानी 2025 में 14 जनवरी दिन बुधवार को मकर संक्रांति तिथि पर समाप्त होगा.  

खरमास के महीने किसकी पूजा की जाती है - Which Hindu Gods Are Worshipped in Kharmas?

धार्मिक मान्यतानुसार खरमास में सूर्यदेव और भगवान विष्णु की पूजा करने से शांति और समृद्धि प्राप्त होती है. 

खरमास में क्या करें- What to do in Kharmas

माना जाता है कि खरमास के महीने में धार्मिक यात्रा करने, गरीबों की मदद और पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे रोग कष्ट दूर होते हैं और आर्थिक लाभ भी प्राप्त होता है.

खरमास के महीने में क्यों नहीं किए जाते शुभ काम - Why auspicious works are not done in the month of Kharmas

मान्यतानुसार, खरमास के महीने सूर्य गोचर (Sun transition) नहीं करते हैं यही कारण है कि हिंदू धर्म में इस अवधि को मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. बल्कि इस दौरान सूर्य की उपासना की जाती है.  खरमास समाप्त होने के बाद सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं जिसके बाद विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश, जैसे मांगलिक कार्य शूरू हो जाते हैं. 

आपको बता दें कि खरमास मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में माना जाता है. भारत के दक्षिणी, पश्चिमी और पूर्वी भागों में खरमास नहीं मनाया जाता है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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