
Karwa Chauth Vrat Ke Upay: सनातन परंपरा में करवा चौथ व्रत को सुखी वैवाहिक जीवन और सुहाग की लंबी आयु दिलाने वाला व्रत माना जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार यह व्रत सूर्यादय से शुरू होकर चंद्रोदय होने के बाद चंद्र देवता के दर्शन और पूजन के बाद पूर्ण होता है. इस व्रत को महिलाएं बगैर कुछ खाए-पिये रखती हैं. करवा चौथ की शाम के समय महिलाएं भगवान श्री गणेश समेत पूरे शिव परिवार, करवा माता और चंद्र देवता की विशेष पूजा करते हुए सुखी दांपत्य जीवन की कामना करती हैं.
पति की लंबी आयु दिलाने वाले जिस करवा चौथ व्रत का इंतजार महिलाओं को पूरे साल बना रहता है, यदि वह भूलवश या फिर किसी अन्य कारण से टूट जाए तो उसके लिए पछतावा होना लाजिमी है, लेकिन इस गलती का प्रायश्चित करने का नियम सनातन परंपरा में बताया गया है। इसलिए यदि किसी महिला का व्रत किसी भी कारण से आज टूट जाए तो वह बगैर परेशान हुए नीचे बताए गये चार उपायों को पूरे श्रद्धा भाव के साथ करे।

- 1. करवा चौथ व्रत को वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, जिनकी पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर और अधूरे कार्य पूरे होते हैं। इसलिए स्नान-ध्यान के बाद सुहागिन महिला को सबसे पहले विघ्न-विनाशक भगवान श्री गणेश जी की पूजा को दूर्वा चढ़ाकर व्रत को लेकर पैदा हुए इस संकट से उबरने के लिए प्रार्थना करना चाहिए।
- 2. भगवान श्री गणेश जी की पूजा के बाद मां पार्वती को पुष्प अर्पित करते हुए भूलवश व्रत टूटने के लिए लिए क्षमायाचना करना चाहिए। धर्मशास्त्र में दान से तमाम तरह के दोष और कल्याण होने की बात कही गई है। ऐसे में व्रत के खंडित हो जाने का दोष दूर करने के लिए किसी सुहागिन महिला को फल, मिठाई और लाल रंग की श्रृंगार की वस्तुएं अपने सामर्थ्य के अनुसार देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।

- 3. यदि आज करवा चौथ व्रत के पहले आपका व्रत किसी कारण टूट जाए तो भी अपना व्रत जारी रखें और शाम के समय विधि-विधान से शिव परिवार और करवा माता की पूजा करते हुए उनसे जाने-अनजाने हुई इस भूल के लिए माफी मांगते हुए सुख-सौभाग्य की कामना करना चाहिए। हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान भाव के भूखे होते हैं, इसलिए सच्चे मन से की गई क्षमा प्रार्थना स्वीकार करते करवा माता आपको सुख-सौभाग्य प्रदान करेंगी और चंद्र देवता का आप पर पूरा आशीर्वाद बरसेगा।
Karwa Chauth Mata Aarti Lyrics: चौथ माता की आरती बगैर अधूरा है आपका करवा चौथ व्रत
- 4. हिंदू मान्यता के अनुसार चंद्र दर्शन और चंद्र पूजन के बगैर करवा चौथ का व्रत अधूरा माना जाता है। ऐसे में मन के कारक माने जाने वाले चंद्र देव के रात्रि में उदय होते ही उनसे प्रार्थना करें कि वे न सिर्फ व्रत में बल्कि पूर्व में की गई गलतियों को माफ करते हुए सुख, शांति और अखंड सौभाग्य प्रदान करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं