Hast Rekha Shastra: हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक हथेली की रेखाएं और चिह्न किस्मत के बारे में बहुत कुछ संकेत देते हैं. कोई व्यक्ति अपने जीवन में क्या बनेगा, क्या हासिल करेगा और उसे किस क्षेत्र में कितनी सफलता मिलेगी, ये सारी बातें हेथेली की रेखाओं को देखकर पता लगाया जा सकता है. हाथेली में कई तरह की रेखाएं होती हैं जो जीवन के अलग-अलग पहलुओं के बारे में बताती हैं. इन्हीं में से एक है राहु रेखा. राहु रेखा को ज्योतिष शास्त्र के जानकार अच्छा संकेत नहीं मानते हैं. दरअसल हथेली की राहु रेखा किसी भी व्यक्ति को कंगाल होने का संकेत देती है. आइए जानते हैं कि हथेली में राहु रेखा कहां होती है और ये क्या-क्या संकेत देती है.
हथेली में कहां होती है राहु रेखा
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली में चंद्रमा, मंगल और शुक्र पर्वतों से राहु पर्वत घिरी होती है. यहां से गुजरती हुई भाग्य रेखा शनि पर्वत की ओर जाती है. अगर हथेली का यह पर्वत उभरा हु्आ और पुष्ट है तो व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होता है. वहीं अगर भाग्य रेखा यदि भाग्य रेखा प्रमुख पर्वत प्लूटो के ऊपर से गुजरती हुई गहरी और स्पष्ट हो तो जातक बुद्धिमान, धार्मिक विचारों वाला और सभी सांसारिक सुखों का भोग करने वाला होता है. वहीं अगर पर्वत प्रमुख हो और भाग्य रेखा टूटी हुई हो तो व्यक्ति को अचानक धन की प्राप्ति होती है और जीवन में अचानक पतन भी होना शुरू हो जाता है.
- अगर यदि पर्वत कम उभरा हुआ हो तो व्यक्ति चंचल स्वभाव का होता है और अपनी सारी संपत्ति खो देता है. यह ग्रह अन्य ग्रहों की तुलना में अधिक शक्तिशाली और अधिक प्रभाव डालता है. हथेली पर हृदय और मस्तिष्क की रेखाओं के बीच इसका प्रभाव क्षेत्र होता है. इसका क्षेत्र छोटी उंगली और बुध पर्वत के थोड़ा नीचे होता है। यह ग्रह हृदय और मस्तिष्क को प्रभावित करता है. जिस व्यक्ति का यह पर्वत बुध पर्वत के नीचे और हृदय और मस्तिष्क रेखा के बीच होता है वह विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक या गणितज्ञ बन जाता है.
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राहु रेखा देती है ये संकेत
- राहु की रेखाएं तिरछी होती हैं जो कि जीवन रेखा के अंदर से मंगल पर्वत के निचले हिस्से से होकर गुजरती है. यह रेखा जीवन में समस्याओं का संकेत देती है. जैसे कि परिवार में समस्याएं, व्यापार में हानि और वैवाहिक जीवन में अनबन इत्यादि. राहु रेखा को चिंता और रुकावटों की रेखा भी कहा जाता है.
- अधिकांश लोगों की हथेली में रेखाओं की एक श्रृंखला होती है जो उनके अंगूठे के आधार से जीवन रेखा तक जाती है, कभी-कभी इसे पार भी करती है. इन्हें चिंता रेखा के रूप में जाना जाता है और कुछ लोगों के हाथ में ऐसी कुछ रेखाएं होती हैं जबकि अन्य की हथेली में सैकड़ों होती है. अधिकांश चिंता रेखाएं महत्वपूर्ण नहीं होती हैं, लेकिन जीवन रेखा को पार करने वाली चिंता रेखाएं आपके स्वास्थ्य और परिवार को प्रभावित करने की क्षमता रखती हैं. हम में से अधिकांश उन चीजों के बारे में चिंता करते हैं जो कभी नहीं होती हैं, इसलिए यदि आपके हाथ में बहुत सारी चिंता रेखाएं हैं तो यह अधिक आराम करने और जीवन का आनंद लेने का समय हो सकता है. चिंता रेखा व्यक्ति के जीवन में रुकावटें नहीं लाती है बल्कि उसे हमेशा चिंता में रखती हैं. ऐसे में व्यक्ति अपने स्वभाव से ही चिंतित रहता है.
-अगर हथेली में राहु रेखा, मस्तिष्क रेखा और ह्रदय रेखा को काट रही है, तो इन लोगों को अपने जीवन में बहुत शारीरिक कष्ट उठाने पड़ते हैं. इन लोगों को मानसिक तनाव भी बहुत रहता है. वहीं अगर राहु रेखा आपकी जीवन रेखा को काट रही है तो आपको कोई बड़ा धन का नुकसान हो सकता है. ऐसे लोग कंगाली की अवस्था तक पहुंच सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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