भगवान वेंकटेश्वर के प्रसिद्ध मंदिर का प्रबंधन देखने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने दावा किया कि तमिलनाडु में चुनाव अधिकारियों द्वारा उसका 1381 किलोग्राम सोना जब्त करने के मामले में उसकी ओर से कोई खामी नहीं रही है.
टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि मंदिर प्रशासन ने एक बैंक में जमा सोने को वापस मंगाने में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया. उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारियों द्वारा दस्तावेज नहीं दिखाने की वजह से ऐसा हुआ हो सकता है.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि सोने को उसके खजाने से किसी बैंक तक ले जाने और लाने की जिम्मेदारी टीटीडी की नहीं है.
एक दिन पहले ही आंध्र प्रदेश सरकार ने सोने को ले जाने में सुरक्षा और प्रक्रिया संबंधी खामी के मामले में जांच का आदेश दिया था.
तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान से एक दिन पहले चेन्नई से करीब 50 किलोमीटर दूर तिरुवल्लूर के पास 17 अप्रैल को यह सोना जब्त किया गया था.
चुनाव आयोग के उड़ान दस्ते ने एक वैन को रोका और 1381 किलोग्राम सोना इससे जब्त किया. वाहन सवार लोगों ने कहा कि सोना टीटीडी का है और तीन साल की अवधि के बाद चेन्नई में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से तिरुपति ले जाया जा रहा है.
तथ्यों के सत्यापन के बाद सोना छोड़ दिया गया लेकिन इस पूरी प्रक्रिया को लेकर टीटीडी की आलोचना हुई.
सिंघल ने कहा कि हो सकता है कि पीएनबी के अधिकारियों ने शुरू में उचित दस्तावेज नहीं दिखाए ताकि सोना टीटीडी का साबित हो और इसके चलते उसे जब्त किया गया.
उन्होंने बताया कि बाद में चुनाव आयोग के अधिकारियों को उचित दस्तावेज जमा करने के बाद सोना छोड़ दिया गया और 20 अप्रैल को टीटीडी के खजाने में ले जाया गया.
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