Diwali 2022: दीपों का त्योहार दीवाली हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है. इस दिन लोग घर, ऑफिस (Office) और अपनी दुकान आदि पर लक्ष्मी-गणेश पूजा करते हैं. धार्मिक मान्यताओं में दीवाली की शाम पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. कहते हैं यह पूजा (Diwali Puja) खुशहाली साथ लाती है और जहां भी की जा रही है वहां मां लक्ष्मी का वास होता है और धन की कमी नहीं होती. 24 अक्टूबर के दिन मनाई जा रही दीवाली पर कब और कहां किस तरह पूजा की जाए और कौनसा मुहुर्त शुभ है, जानिए यहां.
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दीवाली लक्ष्मी-गणेश पूजा विधि | Diwali Lakshmi Ganesh Puja Vidhi
लक्ष्मी पूजा के दो शुभ महुर्त (Shubh Muhurt) बताए जा रहे हैं. शाम के समय पूजा का शुभ मुहूर्त 5 बजकर 50 मिनट से 7 बजकर 26 मिनट तक है, वहीं दूसरा मुहुर्त रात में 10 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 11 मिनट तक बताया जा रहा है.
घर पर पूजा
दीवाली की शाम घर पर पूजा करने के लिए सबे पहले घर की चौखट पर मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) के पदचिन्ह बनाए जाते हैं. इसके साथ ही, स्वास्तिक और शुभ-लाभ लिखना शुभ मानते हैं. घर में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर रखी जाती है. जिस चौकी पर मूर्ति रखी जाती है वहां पास ही जल से भरा कलश रखें. इसके बाद घी के दीपक को जलाएं.
चांदी के सिक्के, रोली, अक्षत, मिठाई और खील, बताशे पूजा में रखे जाते हैं. लक्ष्मी-गणेश आरती की जाती है. दीवाली की पूजा में श्रीलक्ष्मी यंत्र भी शामिल किया जाता है. इसके बात प्रसाद घर के सदस्यों और आसपास के लोगों को बांटकर पूजा संपन्न होती है.
दीवाली पर काम की जगह पर पूजा करना अत्यधिक महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि काम की जगह से ही घर में धन आता है और यह ऐसी जगह है जहां लक्ष्मी आगमन अनिवार्य होता है. इस चलते ऑफिस और अपनी दुकान में भी लक्ष्मी पूजा की जाती है.
आप लक्ष्मी पूजा के लिए चौकी लगाएं और वहां मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. मूर्ति स्थापना के समय 'या सा पद्मासनास्था विपुल-कटि-तटी पद्म-पत्रायताक्षी, गम्भीरार्तव-नाभि: स्तन-भर-नमिता शुभ्र-वस्त्रोत्तरीया, या लक्ष्मीर्दिव्य-रूपैर्मणि-गण-खचितै: स्वापिता हेम-कुम्भै:, सा नित्यं पद्म-हस्ता मम वसतु गृहे सर्व -मांगल्य-युक्ता' स्थापना मंत्र का जाप किया जा सकता है. इसके बात खील, बताशे, मिठाई, रोली, अक्षत और पुष्प आदि अर्पित करें और आरती (Lakshmi Aarti) गाएं. अपनी दुकान या दफ्तर में दीया जलाना ना भूलें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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