प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के रविवार को तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर दो द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. इन बैठकों को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि भारत और चीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से उपजे वैश्विक व्यापार तनाव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर विचार कर रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी शनिवार शाम को जापान से तियानजिन पहुंचेंगे, जहां वह रविवार दोपहर के आसपास राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और फिर एससीओ शिखर सम्मेलन के आधिकारिक भोज में शामिल होने से पहले दोनों नेताओं की संभवतः एक और मुलाकात भी हो सकती है.
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और उनके स्वदेश रवाना होने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करने की संभावना है. रूसी तेल की खरीद को लेकर भारतीय वस्तुओं के आयात पर ट्रंप की ओर से लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ के चलते भारत-अमेरिका संबंधों में अचानक आई गिरावट के मद्देनजर 10 सदस्यीय एससीओ का शिखर सम्मेलन द्विपक्षीय रिश्तों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह पिछले सात वर्षों में पीएम मोदी की पहली चीन यात्रा होगी.
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मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री को दिये ये उपहार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने जापानी समकक्ष शिगेरू इशिबा को चांदी की चॉपस्टिक और कीमती रत्न से बनीं रेमन कटोरियां उपहार में दी हैं. मोदी ने जापान की अपनी यात्रा के दौरान इशिबा की पत्नी को कागज की लुगदी (पेपियर माचे) से बने एक डिब्बे में पश्मीना शॉल भेंट की. अधिकारियों ने बताया कि प्राचीन कीमती रत्न से बनीं ये कटोरियां और चांदी की चॉपस्टिक भारतीय कला एवं जापानी पाक कला की परंपरा का एक अनूठा मिश्रण हैं. उन्होंने बताया कि ‘मूनस्टोन’ (चंद्रमणि) से बनीं चार छोटी कटोरियों के साथ भूरे रंग का कटोरा और चांदी की चॉपस्टिक जापान की डोनबुरी और सोबा परंपरा से प्रेरित हैं.
भारत और जापान ने 13 प्रमुख समझौतों एवं घोषणाओं को अंतिम रूप दिया
प्रधानमंत्री मोदी जापान की दो दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शनिवार को चीन रवाना हो गए. पीएम मोदी की यात्रा के दौरान, भारत और जापान ने 13 प्रमुख समझौतों एवं घोषणाओं को अंतिम रूप दिया तथा कई परिवर्तनकारी पहलों की शुरुआत की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, 'जापान की यह यात्रा उन उपयोगी परिणामों के लिए याद रखी जाएगी, जिनसे हमारे देश के लोगों को लाभ होगा. मैं (जापान के) प्रधानमंत्री (शिगेरू) इशिबा, जापानी जनता और सरकार को उनकी गर्मजोशी के लिए धन्यवाद देता हूं.'
This visit to Japan will be remembered for the productive outcomes which will benefit the people of our nations. I thank PM Ishiba, the Japanese people and the Government for their warmth.@shigeruishiba pic.twitter.com/kdXYeLPJ7N
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2025
PM मोदी चीन के लिए रवाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान दौरे के बाद चीन के लिए रवाना हो गए हैं. आज शाम को वह चीन पहुंच जाएंगे. PM मोदी यहां SCO समिट में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग से भी रविवार को उनकी मुलाकात हो सकती है.
जापानी समकक्ष शिगेरु इशिबा के साथ सेंडाई पहुंचे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दो दिवसीय जापान यात्रा पर हैं. पीएम मोदी के जापान यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौते हो रहे हैं. इसी बीच जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने शनिवार को जेआर ईस्ट प्रशिक्षण ले रहे भारतीय रेल चालकों का अभिवादन किया. पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में जानकारी दी- "सेंडाइ पहुंच चुके हैं. प्रधानमंत्री इशिबा के साथ शिंकानसेन से इस शहर की यात्रा की."
PM मोदी सेंडाई के लिए बुलेट ट्रेन में रवाना
प्रधानमंत्री मोदी के जापान दौरे का आज दूसरा दिन है. आज वह बुलेट ट्रेन की सवारी कर रहे हैं. जापानी पीएम शिगेरू इशिबा के साथ पीएम मोदी टोक्यो से सेंडाई की यात्रा के लिए बुलेट ट्रेन से रवाना हुए हैं. जापान की मदद से ही भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है.
モディ首相と仙台へ。昨夜に引き続き、車内からご一緒します。 pic.twitter.com/ggE6DonklN
— 石破茂 (@shigeruishiba) August 30, 2025
PM मोदी आज बुलेट ट्रेन में करेंगे सफर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जापान दौरे का आज दूसरा दिन है. आज पीएम मोदी बुलेट ट्रेन में सफर करेंगे. इसके बाद SCO समिट के लिए दोपहर को चीन रवाना होंगे. लगभग साढ़े चार बजे पीएम मोदी चीन पहुंचेंगे.
तो ट्रंप इसलिए लगा रहे टैरिफ
अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी जेफ़रीज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाने का कारण यह है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत-पाकिस्तान संघर्ष में मध्यस्थता करने की अनुमति नहीं दी गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इतने ऊंचे, अभूतपूर्व शुल्क ट्रंप की "व्यक्तिगत नाराज़गी" का "परिणाम" थे और कथित तौर पर वह मई में दो दक्षिण एशियाई परमाणु शक्तियों के बीच हुए संघर्ष में हस्तक्षेप करने की उम्मीद कर रहे थे.
शी जिनपिंग का सीक्रेट लेटर
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल की शुरुआत में चीन के साथ अपने व्यापार युद्ध को तेज़ किया, तो बीजिंग ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे एक निजी पत्र के ज़रिए भारत से संपर्क साधना शुरू कर दिया. रिपोर्ट के अनुसार, शी जिनपिंग के पत्र का उद्देश्य चीन के साथ संबंधों को फिर से बेहतर बनाने की भारत की इच्छाशक्ति का परीक्षण करना था. हालांकि यह पत्र राष्ट्रपति मुर्मू को भेजा गया था, लेकिन यह संदेश तुरंत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचा दिया गया. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस पत्र में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन सभी संभावित अमेरिका-भारत समझौतों को लेकर चिंता व्यक्त की जो बीजिंग के हितों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी राष्ट्रपति ने "एक प्रांतीय अधिकारी का भी नाम लिया, जो बीजिंग के प्रयासों का मार्गदर्शन करेगा." इसके बाद भारत-चीन के संबंधों में सुधार देखने को मिलने लगा.