मुरादाबाद और आगरा राजमार्ग पर स्थित एक छोटे से गांव सद्बदी में स्थापित है एक शिव मंदिर है. इस मंदिर को पातालेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है. सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ दिन माना जाता है इस लिए सोमवार को यहाँ भारी भीड़ दर्शन करने आती है.
यह मंदिर करीब 150 वर्ष पुराना है. यहां भगवान शिव अपने भक्तों से भेंट में झाड़ू भी स्वीकार करते हैं. आसपास के लोग बताते हैं कि यहां झाड़ू चढ़ाने की परम्परा प्राचीन काल से चली आ ही है. इस मंदिर में भगवान शिव की कोई मूर्ति नहीं है बल्कि एक शिवलिंग है, जिस पर श्रद्धालु झाड़ू अर्पित करते हैं.
स्थानीय लोग बताते हैं कि अगर भगवान शिव को झाड़ू चढ़ाई जाये तो व्यक्ति के सभी प्रकार के त्वचा के रोग ठीक हो जाते है. इसलिए इस प्राचीन शिव पातालेश्वर मंदिर में श्रद्धालु अपने त्वचा संबंधी रोगों से छुटकारा पाने और मनोकामना पूर्ण करने के लिए झाड़ू चढाते हैं. सदियों पुराने इस मंदिर में वह लोग अधिक आते है जो त्वचा के रोगों से ग्रस्त है.
हर सोमवार को यहां हजारों श्रद्धालु आते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर की चमत्कारी शक्तियों से त्वचा के रोगों से मुक्ति मिल जाती है. वर्तमान में यहां इस तरह के हज़ारों लोग आते हैं जो स्किन डिजीज से पीड़ित हैं और आसपास के लोग यह भी बताते हैं कि अधिकतर लोगों को यहां आने और शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाने के बाद, लोगों को इस रोग से मुक्ति भी मिलती है. लेकिन भगवान शिव की महिमा तो वैसे भी अपरम्पार है तो इसलिए लोग त्वचा रोग के अलावा और भी फ़रियाद लेकर आते हैं.
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यह मंदिर करीब 150 वर्ष पुराना है. यहां भगवान शिव अपने भक्तों से भेंट में झाड़ू भी स्वीकार करते हैं. आसपास के लोग बताते हैं कि यहां झाड़ू चढ़ाने की परम्परा प्राचीन काल से चली आ ही है. इस मंदिर में भगवान शिव की कोई मूर्ति नहीं है बल्कि एक शिवलिंग है, जिस पर श्रद्धालु झाड़ू अर्पित करते हैं.
स्थानीय लोग बताते हैं कि अगर भगवान शिव को झाड़ू चढ़ाई जाये तो व्यक्ति के सभी प्रकार के त्वचा के रोग ठीक हो जाते है. इसलिए इस प्राचीन शिव पातालेश्वर मंदिर में श्रद्धालु अपने त्वचा संबंधी रोगों से छुटकारा पाने और मनोकामना पूर्ण करने के लिए झाड़ू चढाते हैं. सदियों पुराने इस मंदिर में वह लोग अधिक आते है जो त्वचा के रोगों से ग्रस्त है.
हर सोमवार को यहां हजारों श्रद्धालु आते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर की चमत्कारी शक्तियों से त्वचा के रोगों से मुक्ति मिल जाती है. वर्तमान में यहां इस तरह के हज़ारों लोग आते हैं जो स्किन डिजीज से पीड़ित हैं और आसपास के लोग यह भी बताते हैं कि अधिकतर लोगों को यहां आने और शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाने के बाद, लोगों को इस रोग से मुक्ति भी मिलती है. लेकिन भगवान शिव की महिमा तो वैसे भी अपरम्पार है तो इसलिए लोग त्वचा रोग के अलावा और भी फ़रियाद लेकर आते हैं.
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