उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग हिस्से में शिकारी से संरक्षणवादी बने जिम कॉर्बेट की विरासत की याद दिलाता एक पार्क व एक आम का पेड़ के अस्तित्व पर 12,000 करोड़ रुपये के चारधाम राजमार्ग परियोजना की वजह से खतरा मंडरा रहा है. केदारनाथ व बद्रीनाथ की तरफ जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर लंबा आम का पेड़ ठीक उसी जगह है, जहां कॉर्बेट ने एक आदमखोर तेंदुए को 2 मई 1926 को मार डाला था.
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आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, 'रुद्रप्रयाग के तेंदुए' ने आठ वर्षों में 125 लोगों की हत्या कर दी थी. गुलाबराय का जंगली परिवेश, जहां बड़ी बिल्ली ने ज्यादातर पीड़ितों को शिकार बनाया था, अभी भी डरावनी कहानियों से गुंजायमान है.
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लेकिन एक छोटा सा पार्क जिसमें कॉर्बेट की एक आवक्ष प्रतिमा है, जिसे आदमखोर की हत्या की याद में बनाया गया है। यह खंडहरों के बीच में है. प्रतिमा का चबूतरा बिखरा है और खाली बोतलें और कूड़ा से पार्क में गंदगी फैली है. यह सरकार की उदासीनता का एक मूक प्रमाण है.
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रुद्रप्रयाग के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) बृजेश कुमार तिवारी ने पुष्टि की कि पार्क व पेड़ खतरे में हैं, क्योंकि वे 12,000 करोड़ रुपये की चारधाम राजमार्ग परियोजना के रास्ते में आते हैं. उन्होंने कहा, "अगर राजमार्ग परियोजना का निर्माण होता है तो यह पार्क व पेड़ हटाए जाएंगे."
(इनपुट-आईएएनएस)
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