Chandra Grahan 2022: साल 2022 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण अब से कुछ देर बाद शुरू हो जाएगा. चंद्र ग्रहण लगने से पहले इसका सूतक काल सुबह 8 बजकर 20 मिनट से शुरू हो रहा है. वहीं चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार, शाम 5 बजकर 20 मिनट से शाम 6 बजकर 18 मिनट तक नजर आएगा. चंद्र ग्रहण के सूतक काल के दौरान कुछ कार्य करना निषेध माना गया है. इसके साथ ही ग्रहण के समाप्ति के तुरंत बाद स्नान और दान करने की परंपरा है. आइए जानते हैं कि चंद्र ग्रहण के खत्म होने के बाद क्या-क्या करना चाहिए. जिससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव ना पड़े.
सूतक काल में ये कार्य हैं निषेध | These works are prohibited in the Sutak period
ग्रहण का सूतक काल अशुभ समय होता है. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, इस दौरान कुछ कार्य करने की मनाही होती है. यहां तक कि इस दौरान मांगलिक और शुभ कार्य करने की मनाही होती है. इतना ही नहीं इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं.
ग्रहण के दौरान खाना पकाना निषेध माना गया है. अगर असुविधा हो तो सूतक काल शुरू होने से पहले भोजन तैयार कर लेना चाहिए और उसमें कुश या तुलसी के पत्ते रख देने चाहिए.
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सूतक काल के दौरान घर के मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. दरअसल इस दौरान पूजा-पाठ करना निषेध रहता है. कहा जाता है कि ग्रहण के सूतक काल में भगवान को भी स्पर्श नहीं किया जाता. ग्रहण समाप्त होने के बाद ही पूजा मंदिर के कपाट खोले जाते हैं.
धार्मिक मान्यता है कि ग्रहण के दौरान खाने-पीने की वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए. ऐसा करने से खाने-पीने की चीजें ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बच जाती हैं. इसके साथ ही सूतक के दौरान पेड़-पौधों को छूना भी निषेध माना गया है. ऐसे में उपरोक्त बातों का विशेष ध्यान रखें.
ग्रहण के बाद करें ये काम | Do this work after eclipse
चंद्र ग्रहण के खत्म हेते ही सूतक भी खत्म हो जाता है. ग्रहण खत्म होने के बाद घर के हर कोने में गंगाजल का छिड़काव करें. मकान, दुकान, प्रतिष्ठान की साफ सफाई कर अच्छे से धुलाई करें. ऐसा माना जाता है कि गंगाजल या किसी पवित्र नदी के जल का छिड़काव करने से नकारात्मकता समाप्त होती है और ग्रहण के प्रभाव भी समाप्त हो जाते हैं. ग्रहण के बाद स्नान जरूर करें. अगर स्नान नहीं कर सकते तो अपने ऊपर गंगाजल छिड़क लें. खुद भी स्नान कर देवी देवताओं को स्नान कराएं. मंदिर की साफ सफाई करें. इसके बाद खाद्य पदार्थों पर गंगाजल छिड़क कर उनको शुद्ध करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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