प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
अब दिल्ली के लोग अपना पानी का बिल खुद बना सकेंगे। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को mseva नाम से एक एंड्रॉइड मोबाइल ऐप लॉन्च कर दी है, जिसके ज़रिये ग्राहक पानी के मीटर की फ़ोटो खींचकर तुरंत ही बिल तैयार कर पाएंगे।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे लॉन्च करते हुए कहा कि यह ऐप सत्ता सीधे जनता के हाथ में सौंप रही है। ऑड-ईवन की कामयाबी ने हमें सिखाया कि अगर जनता पर भरोसा करो तो बड़े बड़े चमत्कार हो सकते हैं। हमें भरोसा है कि जनता ठीक से काम करेगी और बिल बनाएगी, लेकिन कभी कभी हम चेकिंग भी करेंगे।
जानकारी के मुताबिक़, इस ऐप में एक बार रजिस्ट्रेशन करने पर आपके पानी के मीटर की पिछली रीडिंग पहले से ऐप में रहेगी और ग्राहक को अपने मीटर के ताज़ा रीडिंग इसमें दाखिल करने होंगे जिससे नया बिल बन जाएगा।
इस ऐप में ग्राहक को अपने मीटर की फ़ोटो भी खींचनी होगी जिसको दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी सुबूत के तौर पर बाद में जांच सकेंगे। इस ऐप में जीपीएस के ज़रिये इसकी लोकेशन मीटर के फ़ोटो के साथ जाएगी जिससे हेर फेर ना हो पाए।
असल में पानी के बिल को लेकर सालों से ग्राहकों की ये शिकायत रही है कि मीटर रीडिंग वाले नियमित रूप से नहीं आते जिससे जब बिल भारी भरकम या उम्मीद के विपरीत आते हैं तो ग्राहक आपत्ति करते हैं। इस पूरे विवाद का निपटारा घूस देकर हुआ करता है।
इस ऐप के ज़रिये दिल्ली सरकार उम्मीद कर रही है कि इससे पानी के बिलों में भ्रष्टाचार और लोगों को होने वाली समस्या में बड़ी कमी आएगी। इस ऐप के ज़रिये दिल्ली सरकार धीरे-धीरे कोशिश करेगी कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस ऐप से अपना बिल खुद ही रीडिंग लेकर तैयार करें, जिससे मीटर रीडिंग का काम दिल्ली जल बोर्ड का बंद करवा सके।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे लॉन्च करते हुए कहा कि यह ऐप सत्ता सीधे जनता के हाथ में सौंप रही है। ऑड-ईवन की कामयाबी ने हमें सिखाया कि अगर जनता पर भरोसा करो तो बड़े बड़े चमत्कार हो सकते हैं। हमें भरोसा है कि जनता ठीक से काम करेगी और बिल बनाएगी, लेकिन कभी कभी हम चेकिंग भी करेंगे।
जानकारी के मुताबिक़, इस ऐप में एक बार रजिस्ट्रेशन करने पर आपके पानी के मीटर की पिछली रीडिंग पहले से ऐप में रहेगी और ग्राहक को अपने मीटर के ताज़ा रीडिंग इसमें दाखिल करने होंगे जिससे नया बिल बन जाएगा।
इस ऐप में ग्राहक को अपने मीटर की फ़ोटो भी खींचनी होगी जिसको दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी सुबूत के तौर पर बाद में जांच सकेंगे। इस ऐप में जीपीएस के ज़रिये इसकी लोकेशन मीटर के फ़ोटो के साथ जाएगी जिससे हेर फेर ना हो पाए।
असल में पानी के बिल को लेकर सालों से ग्राहकों की ये शिकायत रही है कि मीटर रीडिंग वाले नियमित रूप से नहीं आते जिससे जब बिल भारी भरकम या उम्मीद के विपरीत आते हैं तो ग्राहक आपत्ति करते हैं। इस पूरे विवाद का निपटारा घूस देकर हुआ करता है।
इस ऐप के ज़रिये दिल्ली सरकार उम्मीद कर रही है कि इससे पानी के बिलों में भ्रष्टाचार और लोगों को होने वाली समस्या में बड़ी कमी आएगी। इस ऐप के ज़रिये दिल्ली सरकार धीरे-धीरे कोशिश करेगी कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस ऐप से अपना बिल खुद ही रीडिंग लेकर तैयार करें, जिससे मीटर रीडिंग का काम दिल्ली जल बोर्ड का बंद करवा सके।
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