
- दिल्ली जल बोर्ड ने 917 करोड़ रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है.
- दिल्ली की सीवेज सफाई क्षमता में 51.5 मिलियन गैलन प्रतिदिन की वृद्धि होगी, यमुना का प्रदूषण कम होगा.
- यमुना विहार में पुराने प्लांट की क्षमता 25 से 40 MGD, नया 15 एमजीडी का प्लांट बनाया जाएगा.
दिल्ली में यमुना एक बार फिर से साफ होगी. पानी फिर चमकेगा, क्यों कि साफ सफाई (Yamuna Cleaning) का काम एक बार फिर शुरू होने जा रहा है. वो भी बड़े स्तर पर. दिल्ली जल बोर्ड ने 917 करोड़ के सीवेज प्लांट प्रोजेक्ट (Delhi Sewage Plant Projects) को मंजूरी दे दी है. यह फैसला दिल्ली जल बोर्ड की 173वीं बोर्ड बैठक में लिया गया है. दिल्ली जल बोर्ड ने 917 करोड़ रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के उन्नयन और क्षमता विस्तार के तीन प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी दी है. इससे कितना फर्क पड़ेगा ये देखना होगा.
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यह परियोजनाएं इसलिए खास हैं क्यों कि इनसे दिल्ली की सीवेज सफाई क्षमता में 51.5 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) की बढ़ोतरी होगी. इसका असर यमुना पर भी देखा जाएगा. क्यों कि इससे यमुना में प्रदूषण को कम किया जा सकेगा.
किस-किस प्लांट की क्षमता बढ़ रही?
सीवेज प्लांट प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली की सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता 51.5 एमजीडी बढ़ जाएगी. यमुना विहार में पुराने प्लांट की क्षमता 25 MGD से बढ़कर 40 MGD हो जाएगी और 15 एमजीडी का एक नया प्लांट बनाया जाएगा. बता दें कि इसमें कुल 403 करोड़ रुपए का खर्च आएगा, जिसमें 12 साल तक संचालन और रखरखाव शामिल है. यह प्लांट दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के नए मानकों पर आधारित होगा.
दक्षिणी दिल्ली के 5 प्लांटों की क्षमता का भी होगा विस्तार
केशोपुर प्लांट की क्षमता 12 एमजीडी से बढ़कर 18 एमजीडी हो जाएगी. इतना ही नहीं दक्षिणी दिल्ली के पांच प्लांटों की क्षमता का भी विस्तार किया जाएगा. इस परियोजना में 133.33 करोड़ रुपए का खर्च आएगा, जिसमें 11 साल का संचालन और रख रखाव शामिल है. यह अपग्रेड भी डीपीसीसी और एनजीटी मानकों के हिसाब से होगा. इससे यमुना नदी के प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी. प्रस्तावित प्रस्ताव में 6 MGD क्षमता बढ़ाई जाएगी.
वहीं, तीसरे प्रस्ताव में दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज फेज-1 (2.2 से 3.2 एमजीडी), वसंत कुंज फेज-2 (3 से 4.5 एमजीडी), घिटोरनी (5 से 7.5 एमजीडी), महरौली (5 से 7.5 एमजीडी) और ओखला फेज-5 (16 से 24 एमजीडी) के एसटीपी को उन्नत किया जाएगा. इस परियोजना की लागत 381 करोड़ रुपए है, जिसमें 12 साल तक संचालन और रखरखाव शामिल है. इन अपग्रेड्स से कुल 15.5 एमजीडी की अतिरिक्त क्षमता प्राप्त होगी. बता दें कि दिल्ली सरकार का यमुना नदी की सफाई पर फोकस है और इसके लिए सरकार की ओर से लगातार कदम भी उठाए जा रहे हैं.
यमुना में कूड़ा-कचरा न फेंकने की अपील
दिल्ली सरकार ने यमुना नदी को साफ, स्वच्छ बनाने के मकसद से निगरानी के लिए केंद्र से नदी के किनारे प्रादेशिक सेना तैनात करने की अपील की है. ये जानकारी जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बुधवार को दी. उन्होंने लोगों से यमुना के आसपास नदी के आसपास कूड़ा न फेंकने की अपील की है. उन्होंने कहा कि लोग नदी के पास पूजा करने आते हैं और वहां प्लास्टिक की थैलियां फेंक देते हैं. लोग कूड़ा कचरा सिर्फ निर्धारित जगहों पर ही फेंकें, जिससे नदी को साफ रखने में मदद मिलेगी.
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