
नई दिल्ली: अब किसी बड़े आयोजन या कांन्क्लेव में मरीजों का लाइव ऑपरेशन करते नहीं दिखा सकते हैं. इसे लेकर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए सख्त आदेश जारी किया है. एनएमसी के एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड की तरफ से जारी निर्देशों में साफ कहा गया है कि लाइव सर्जरी का उद्देश्य सिर्फ शैक्षणिक होना चाहिए, न कि प्रचार और कमाई का जरिया बनना.
क्या हैं NMC के नियम?
नियमों के मुताबिक, मरीजों से किसी भी तरह के पैसे नहीं लिए जाएंगे और अगर इलाज के दौरान कोई दिक्कत होती है तो उसका इलाज भी मुफ्त में किया जाएगा. ऑपरेशन के बाद मरीज की देखभाल की जिम्मेदारी ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर की होगी. इसके अलावा, किसी भी कार्यक्रम को करने से पहले संबंधित संस्था से अनुमति लेना अनिवार्य होगा.
NMC ने क्यों दिया यह आदेश?
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट में चल रहे राहिल चौधरी बनाम भारत सरकार केस के बाद आया है. इसमें याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि मरीजों को बिना पर्याप्त जानकारी दिए लाइव सर्जरी में शामिल किया जा रहा है, जिससे कंपनियां अपने उत्पादों का प्रचार करती हैं और सर्जन अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन करते हैं. इसको एनएमसी ने भी माना और कहा कि देश के कई प्राइवेट अस्पताल मरीजों को मॉडल बनाकर कॉन्फ्रेंसों में लाइव सर्जरी के जरिए उनका व्यावसायिक दोहन कर रहे हैं.
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डॉक्टरों के लिए जरूरी शर्तें
1. अब लाइव सर्जरी करने के लिए डॉक्टर के पास कम 5 साल का विशेषज्ञता अनुभव होना चाहिए.
2. विदेशी डॉक्टरों को सर्जरी करने से पहले NMC से विशेष अनुमति लेनी होगी.
3. मरीज की पूरी जानकारी और उसकी सहमति अनिवार्य होगी, जिसमें यह साफ बताया जाएगा कि यह लाइव सर्जरी केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है.
4. ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर को दर्शकों से कोई बातचीत नहीं करनी होगी; केवल एक मॉडरेटर कमेंटरी दे सकता है.
5. मरीज की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी और किसी भी तरह का वित्तीय लालच नहीं दिया जाएगा.
लाइव सर्जरी की इजाजत कहां मिलेगी?
एनएमसी ने कहा कि केवल उन अस्पतालों में लाइव ऑपरेशन किया जा सकता है, जो एनएबीएच जैसी संस्थाओं से मान्यता प्राप्त हो और जरूरी इमरजेंसी सर्विसेस जैसे- आईसीयू, रेडियोलॉजी, ब्लड बैंक आदि मौजूद हों. इसके अलावा अगर ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था मानकों पर खरा नहीं उतरती, तो लाइव प्रसारण की अनुमति नहीं दी जाएगी, केवल रिकॉर्डेड वीडियो का इस्तेमाल होगा.
हालांकि, एनएमसी ने ये भी कहा कि तकनीक के बढ़ने के साथ लाइव ऑपरेशन से दूर-दराज के इलाकों तक सर्जरी की ट्रेनिंग पहुंची है. लेकिन इसका पढ़ाई पर कितना लाभ हो रहा है, इसका कोई ठोस वैज्ञानिक साक्ष्य बहुत कम है. ऐसे में रिकॉर्डेड सर्जरी वीडियो, शव पर ट्रेनिंग (कैडेवर ट्रेनिंग) और सिमुलेशन मॉडल ज्यादा असरदार और सुरक्षित हो सकता है.
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