अकुशल मज़दूरों को अभी न्यूनतम 9724 रुपये प्रति माह मज़दूरी मिलती है
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी की सरकार ने राजधानी में काम करने वाले मज़दूरों को होली से पहले अच्छी ख़बर देते हुए न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले का ऐलान करते हुए बताया कि एलजी ने इस फैसले को मंज़ूरी दे दी है और सोमवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा. यानि अब दिल्ली में अकुशल मज़दूरों को अभी जहां न्यूनतम 9724 रुपये प्रति माह मज़दूरी मिलती है, उसे बढ़ाकर 13350 रुपये प्रति माह कर दिया गया है. अर्ध-कुशल मज़दूर को 10764 से बढ़कर 14698 और कुशल मज़दूर को 11830 से बढ़कर 16182 रुपये दिया जाएगा.
केजरीवाल के मुताबिक 'यह ऐतिहासिक बढ़ोतरी है और ट्रेड एसोसिएशन को इससे परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. थोड़ी सी परेशानी ज़रूर होगी लेकिन जब जनता के हाथ में ज़्यादा पैसा आएगा तो वह जब खर्च होगा तो उससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.' वैसे चर्चा इस बात की होने लगी है कि निगम चुनाव से ठीक पहले एलजी की तरफ से एक के बाद एक फैसले कैसे मंज़ूर किये जा रहे हैं. गुरुवार को ही दिल्ली में गेस्ट टीचर का वेतन बढ़ाने का फैसला भी एलजी ने मंज़ूर किया था जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने वेतन बढ़ाने का ऐलान कर दिया.
हालांकि सरकार जानती है कि इसको लागू करवाना आसान नहीं होगा इसलिये इसके लिए एनफोर्समेंट टीम बनाई जाएंगी और 3 महीने तक सघन अभियान चलाकर इसको सख्ती से लागू करवाने का प्रयास किया जाएगा. श्रम मंत्री गोपाल राय ने बताया 'अभी कानूनन न्यूनतम मजदूरी ना देने पर केवल 500 रुपये जुर्माना और 6 महीने की जेल का प्रावधान है जिसको बढाकर 50,000 रुपये जुर्माना और 3 साल की जेल का प्रावधान कानून में किया गया जो अभी केंद्र के पास लंबित, हम उम्मीद करते हैं जल्द ही वह पास होगा.'
केजरीवाल के मुताबिक 'यह ऐतिहासिक बढ़ोतरी है और ट्रेड एसोसिएशन को इससे परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. थोड़ी सी परेशानी ज़रूर होगी लेकिन जब जनता के हाथ में ज़्यादा पैसा आएगा तो वह जब खर्च होगा तो उससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.' वैसे चर्चा इस बात की होने लगी है कि निगम चुनाव से ठीक पहले एलजी की तरफ से एक के बाद एक फैसले कैसे मंज़ूर किये जा रहे हैं. गुरुवार को ही दिल्ली में गेस्ट टीचर का वेतन बढ़ाने का फैसला भी एलजी ने मंज़ूर किया था जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने वेतन बढ़ाने का ऐलान कर दिया.
हालांकि सरकार जानती है कि इसको लागू करवाना आसान नहीं होगा इसलिये इसके लिए एनफोर्समेंट टीम बनाई जाएंगी और 3 महीने तक सघन अभियान चलाकर इसको सख्ती से लागू करवाने का प्रयास किया जाएगा. श्रम मंत्री गोपाल राय ने बताया 'अभी कानूनन न्यूनतम मजदूरी ना देने पर केवल 500 रुपये जुर्माना और 6 महीने की जेल का प्रावधान है जिसको बढाकर 50,000 रुपये जुर्माना और 3 साल की जेल का प्रावधान कानून में किया गया जो अभी केंद्र के पास लंबित, हम उम्मीद करते हैं जल्द ही वह पास होगा.'
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