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This Article is From May 12, 2017

दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी कम, अपर्याप्त : हाईकोर्ट

दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी कम, अपर्याप्त : हाईकोर्ट
फाइल फोटो...
नई दिल्‍ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा आर्थिक स्थिति में किसी व्यक्ति के रहन-सहन के लिहाज से आप सरकार द्वारा हाल में अधिसूचित न्यूनतम मजदूरी काफी कम और अपर्याप्त है.

अदालत ने व्यापारियों, पेट्रोल डीलरों और रेस्तरां मालिकों जैसे याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. याचिकाओं में दिल्ली सरकार की अधिसूचना को चुनौती दी गई है.

उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि ये याचिकाकर्ता हलफनामे में यह कह पाने की स्थिति में नहीं है कि वे अपने कर्मचारियों को श्रम कानून के तहत सभी प्रकार के लाभ दे रहे हैं.

दिल्ली सरकार के तीन मार्च की अधिसूचना के अनुसार अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी क्रमश: 13,350 रुपये, 14,698 रुपये तथा 16,182 रुपये नियत किया गया है.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायाधीश अन्नू मल्होत्रा की पीठ ने कहा, किसी व्यक्ति का जीवन यापन 13,000 रुपये में संभव है? किसी व्यक्ति के लिए काम पर आने-जाने का औसत खर्च प्रतिदिन 100 रुपये है जो महीने में 3,000 रुपये बनता है. आप कहां खाते हैं? खाने पर 50 रुपये प्रतिदिन का खर्च आएगा. 13,000 रुपये की राशि बहुत कम है. यह अपर्याप्त है.

व्यापारियों, डीलरों तथा रेस्तरां का प्रतिनिधित्व करने वाले कुछ संगठनों ने आप सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिये अधिसूचित न्यूनतम मजदूरी को चुनौती दी है.

(इनपुट भाषा से)

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