
दिल्ली में इन दिनों अवैध निर्माण के खिलाफ एमसीडी का एक्शन जारी है. एमसीडी की इस कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट अगर आदेश देगी तो हमे एक्शन तो लेना ही होगा.कोर्ट के आदेश अगर झुग्गियों को तोड़ने के हैं तो उसमें न सरकार कुछ कर सकती है और न प्रशासन.मद्रासी कॉलोनी की सच्चाई ये है कि बारापुला के किनारे बसी है.
कहां-कहां चला बुलडोजर
- बीते महीने भर से दिल्ली में लगातार एक के बाद एक इलाक़ों में अवैध निर्माण पर कार्रवाई हो रही है. 4 मई को तैमूर नगर में वैध मकानों बुल्डोजर चला
- 21 मई को मशहूर बाज़ार सरोजिनी नगर में कई दुकानों को हटाया गया
- 22 मई को ओखला गांव के 700 मकानों को नोटिस दिया गया
- 30 मई को शाहदरा और खजूरी चौक इलाक़े में अवैध निर्माण हटाया गया
सीएम गुप्ता ने आगे कहा कि चार बार कोर्ट इसे हटाने का आदेश दे चुकी है.कोर्ट ने बार बार कहा है कि इन झुग्गियों को हटाया जाए तभी नाले की सफ़ाई के लिए मशीनरी पहुंच सकती है, वरना पूरी दिल्ली में जैसे 2023 में बाढ़ आई थी वही हालात बन जाएंगे.मद्रासी कैंप के लोगों को मकान भी दिया गया है और उनको शिफ़्ट भी किया गया है. इसी तरह दिल्ली में तीन जगहों पर अतिक्रमण पर एक्शन हुआ है.उसके साथ में एक रेलवे ट्रैक पर लोगों ने मकान बना रखे थे उस पर एक्शन हुआ है.अगर कोई बच्चा रेलवे ट्रैक पर आ जाए तो उसका ज़िम्मेदार कौन होगा. सौरभ भारद्वाज होंगे या आतिशी होंगी.
रविवार को नेहरू कैंप हैदरपुर में जनसेवा कैंप के उद्घाटन के मौक़े पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में जब तक पक्के मकान नहीं मिलते हैं तब तक झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी. दिल्ली में 700 करोड़ रुपए के काम हो रहे हैं. इसलिए नहीं हो रहा है कि झुग्गियों को तोड़ना है लेकिन कोर्ट का आदेश है तो उसमें सरकार कुछ नहीं कर सकती है.
आपको बता दें कि दिल्ली में चल रहे अतिक्रमण हटाने के अभियान पर राजनीति तेज हो गई है.पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के नेताओं ने मद्रास कैंप का दौरा करके सत्ताधारी पार्टी पर दिल्ली से ग़रीबों को हटाने का आरोप लगाया था. आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि एक तरफ़ दिल्ली की मुख्यमंत्री कहती हैं कि झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी लेकिन उसके बावजूद जगह बुलडोज़र चल रहे हैं. ये जहां झुग्गी वहाँ मकान की वादा खिलाफी नहीं है. अभी हाल में वजीरपुर रेलवे ट्रैक के किनारे बने कई घरों को तोड़ा गया था. इसके अलावा कई जगह सरकारी ज़मीनों पर बनी झुग्गियाँ निशाने पर हैं. ओखला गांव के क़रीब साढ़े सात सौ मकानों को नोटिस जारी करके घर ख़ाली करने को कहा गया है
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