दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल का कहना है कि उन्होंने ही खुद दिल्ली सरकार के 21 संसदीय सचिवों को दिल्ली विधानसभा में कमरे आवंटित किये हैं। रामनिवास गोयल का कहना है कि ये उनका अधिकार है कि अगर कमरे खाली हों तो वो किसी विधायक को कमरा दे सकते हैं।
एनडीटीवी इंडिया से ख़ास बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने ही उनको संसदीय सचिव-कम-विधायक के नाते उनको कमरे आवंटित किये थे। हालांकि अभी तक कोई कमरा चालू नहीं हुआ, किसी विधायक ने वहां बैठना चालू नहीं किया। संसदीय सचिव वहां बैठकर जनता को अटेंड कर सकें, जनता की सेवा कर सकें इसलिए सिस्टम के तहत ये कमरे दिए।"
इस मुद्दे पर पहली बार किसी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए स्पीकर का कहना है कि किसी ने उनसे कमरे मांगे नहीं बल्कि उन्होंने खुद दिए हैं।
लेकिन जब उनसे पूछा गया कि इन संसदीय सचिवों को केवल अपने विभाग के मंत्री के दफ्तर में बैठने के लिए ही जगह देने की बात तय हुई थी, ऐसे में विधानसभा में अलग से कमरा देना क्या लाभ के पद के दायरे में नहीं आता? इसके जवाब में रामनिवास गोयल ने दावा किया, "दिल्ली सरकार और दिल्ली विधानसभा दोनों अलग हैं इसलिए ये ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट नहीं हैं।" साथ ये भी कहा कि संसदीय सचिव को ही नहीं, उन्होंने डीडीए के सदस्य बने विधायक को कमरा दिया है।
एनडीटीवी इंडिया से ख़ास बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने ही उनको संसदीय सचिव-कम-विधायक के नाते उनको कमरे आवंटित किये थे। हालांकि अभी तक कोई कमरा चालू नहीं हुआ, किसी विधायक ने वहां बैठना चालू नहीं किया। संसदीय सचिव वहां बैठकर जनता को अटेंड कर सकें, जनता की सेवा कर सकें इसलिए सिस्टम के तहत ये कमरे दिए।"
इस मुद्दे पर पहली बार किसी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए स्पीकर का कहना है कि किसी ने उनसे कमरे मांगे नहीं बल्कि उन्होंने खुद दिए हैं।
लेकिन जब उनसे पूछा गया कि इन संसदीय सचिवों को केवल अपने विभाग के मंत्री के दफ्तर में बैठने के लिए ही जगह देने की बात तय हुई थी, ऐसे में विधानसभा में अलग से कमरा देना क्या लाभ के पद के दायरे में नहीं आता? इसके जवाब में रामनिवास गोयल ने दावा किया, "दिल्ली सरकार और दिल्ली विधानसभा दोनों अलग हैं इसलिए ये ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट नहीं हैं।" साथ ये भी कहा कि संसदीय सचिव को ही नहीं, उन्होंने डीडीए के सदस्य बने विधायक को कमरा दिया है।
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