दिल्ली में बुधवार को हवा की गुणवत्ता ‘खराब' स्तर पर पहुंचने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिकारियों को ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान' (जीआरएपी) के पहले चरण के तहत उपायों को सख्ती से लागू करने को कहा गया है. कार्य योजना में प्रदूषणकारी औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ दंडात्मक और कानूनी कार्रवाई शामिल है.
जीआरएपी से संबंधित केंद्र की उप-समिति ने एक बैठक में कहा कि पिछले 24 घंटों में क्षेत्र में वायु गुणवत्ता मानकों में ‘अचानक गिरावट' दर्ज की गयी है और दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खराब' श्रेणी में पहुंच गया है. गौरतलब है कि 201 से 300 के बीच के एक्यूआई को 'खराब' माना जाता है.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक आदेश में कहा है, ‘‘हालांकि यह एक स्थानीय प्रभाव होने की संभावना है और पूर्वानुमान किसी और गिरावट की भविष्यवाणी नहीं करते हैं. एहतियाती उपाय के रूप में, उप-समिति ने निर्णय लिया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से एक्यूआई को मध्यम श्रेणी में बनाए रखने के प्रयास किये जाएं.''
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए शुक्रवार को 15 सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की और पड़ोसी राज्यों व केंद्र से समन्वित प्रयास का आह्वान किया है. केजरीवाल ने घोषणा की कि कचरा जलाने, धूल और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए दल गठित किए जाएंगे.
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