- दिल्ली के मंत्री आशीष सूद ने एमसीडी को प्रदूषण रोकने और सफाई अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं
- मंत्री ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि सिर्फ कागजी कार्रवाई नहीं, जमीन पर बदलाव दिखना चाहिए
- मंत्री ने स्मोक गन, स्प्रिंकलर और मैकेनिकल रोड स्वीपर्स जैसे उपकरणों के प्रभावी इस्तेमाल पर जोर दिया
राजधानी में प्रदूषण को लेकर सियासत के बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को दावा किया कि समन्वित प्रयासों से शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) घट रहा है. उधर शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने बिगड़ती आबोहवा को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और एमसीडी की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सिर्फ कागजी कार्रवाई नहीं, जमीन पर बदलाव दिखना चाहिए.
दिल्ली सचिवालय में समीक्षा बैठक के दौरान आशीष सूद ने प्रदूषण रोकने के उपाय और सफाई का अभियान तेज करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि धूल और कचरा कंट्रोल करने के उपायों का जमीन पर भी असर दिखना चाहिए. उन्होंने सफाई और छिड़काव करने वाले वाहनों को उन इलाकों में ज्यादा लगाने को कहा, जहां पर ज्यादा धूल और प्रदूषण होता है. उन्होंने ऐसे सभी वाहनों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए GPS ट्रैकिंग सिस्टम एक्टिवेट करने के भी आदेश दिए.
बैठक में MCD अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में रोजाना करीब 14 हजार टन कचरा इकट्ठा होता है. मंत्री ने स्रोत पर ही कचरे की छंटाई तेज करने के अलावा स्मोक गन, स्प्रिंकलर और मैकेनिकल रोड स्वीपर्स जैसे उपकरणों के प्रभावी इस्तेमाल पर जोर दिया. उन्होंने जरूरत पड़ने पर सफाईकर्मियों की डबल शिफ्ट लगाने के भी निर्देश दिए.
मंत्री ने गाजीपुर, भलस्वा और ओखला लैंडफिल साइटों की भी समीक्षा की. इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि इन साइटों पर रोजाना 20 से 25 हजार टन कचरे की बायोमाइनिंग की जा रही है. मंत्री ने लैंडफिल में आग लगने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए इसे रोकने के सख्त उपाय करने को कहा. उन्होंने कहा कि वह सोमवार को गाज़ीपुर और गुरुवार को भलस्वा साइट का निरीक्षण करेंगे.
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में बुधवार को थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन समग्र एक्यूआई 202 के साथ यह अब भी “खराब” श्रेणी में है. हवा की अनुकूल स्थिति से प्रदूषण को तितर-बितर होने में मदद मिली. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को एक्यूआई 291 और सोमवार को 309 रहा था.
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