साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस और ट्रू कॉलर ने मिलाए हाथ, ये है पूरी प्‍लानिंग

दिल्ली पुलिस ठगों के नंबरों को ट्रू कॉलर के साथ साझा करेगी, जिसे ऐप पर स्पैम को तौर पर मार्क किया जाएगा. दिल्ली पुलिस द्वारा साइबर ठगी से बचाने के बाबत नागरिकों के लिए एक ट्रेनिंग भी शुरू किया जाएगा. 

साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस और ट्रू कॉलर ने मिलाए हाथ, ये है पूरी प्‍लानिंग

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

बढ़ते साइबर क्राइम के मामलों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है. दिल्ली पुलिस ने ‘कॉलर आईडी' सत्यापन मंच ‘ट्रूकॉलर' के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर गुरुवार को साइन किया है. अब इस समझौते के तहत किसी को कॉल करने पर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और कर्मियों के नंबर पर ग्रीन बैच दिखेगा. 

ऐसा होने के कारण आम लोगों के लिए आधिकारिक नंबरों को पहचानने में आसानी होगी. साथ ही ये भी पता चल जाएगा कि खुद को सरकारी आदमी बता कर कोई धोखाधड़ी की कोशिश तो नहीं कर रहा है. 

वहीं, दिल्ली पुलिस ठगों के नंबरों को ट्रू कॉलर के साथ साझा करेगी, जिसे ऐप पर स्पैम को तौर पर मार्क किया जाएगा. दिल्ली पुलिस द्वारा साइबर ठगी से बचाने के बाबत नागरिकों के लिए एक ट्रेनिंग भी शुरू किया जाएगा. 

गौरतलब है कि साल 2020 से 2022 तक 16 लाख से भी अधिक साइबर क्राइन के मामले देश में सामने आए हैं. ये जानकारी लोकसभा में संबंधिक मंत्री द्वारा दी गई है. उन्होंने ये भी बताया कि इस समयावधि के दौरान 32 हजार एफआईआर इससे संबंधित मामलों में दर्ज की गई है.  

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