दिल्ली पुलिस में इस्पेक्टर पद पर तैनात थे कौशल गांगुली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस के एक इंस्पेक्टर के सुसाइड के मामले में उसके परिवार ने एक आईपीएस के खिलाफ पुलिस कमिश्नर से शिकायत की है. परिवार का आरोप है कि आईपीएस जातिसूचक शब्द इस्तेमाल कर इंस्पेक्टर को परेशान कर रहा था. शनिवार को इंस्पेक्टर कौशल गांगुली के परिवार ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को शिकायत भेजकर एक आईपीएस के खिलाफ कर्रवाई की मांग की. परिवार के मुताबिक दक्षिणी पूर्वी जिले के एडिशनल डीसीपी राजीव रंजन पिछले कई महीनों से जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर कौशल को गालियां देते थे और उन्हें लगातार परेशान करते थे, इसलिए उन्होंने आत्महत्या कर ली. परिवार ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग भी की है.
दिल्ली के सीआर पार्क पुलिस थाने में 10 मई को शाम 6 बजे कौशल ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली थी. बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई. कौशल जिला जांच इकाई यानी डीआईयू में तैनात थे. 1997 बैच के सब-इंस्पेक्टर कौशल का 6 दिसम्बर 2016 को बतौर इंस्पेक्टर प्रमोशन हुआ था जिसके बाद उन्हें साउथ ईस्ट की एक्स ब्रांच में तैनात किया गया था.
परिवार का कहना है कि ट्रांसफर के कुछ दिन बाद से ही एडिशनल डीसीपी ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया. ये बातें अक्सर कौशल अपने परिवार को बताया करते थे. परिवार का कहना है कि तंग आकर जब कौशल ने अपने ट्रांसफर की बात की तो उन्हें साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की डिस्ट्रिक्ट इन्वेस्टिगेशन यूनिट में भेज दिया गया. उसके बाद भी उन पर लगातार दबाब डाला गया. पुलिस के मुताबिक इस मामले में सीआरपीसी की धारा 174 के तहत मामले की जांच की जा रही है.
पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक न तो कौशल ने पहले कोई शिकायत की और न ही कोई सुसाइड नोट छोड़ा है. परिवार का कहना है कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. आरटीआई से मिली सूचना के मुताबिक इस साल अभी तक 47 पुलिसकर्मी आत्महत्या कर चुके हैं और अधिकतर मामलों में कारण डिप्रेशन बताया जा रहा है.
दिल्ली के सीआर पार्क पुलिस थाने में 10 मई को शाम 6 बजे कौशल ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली थी. बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई. कौशल जिला जांच इकाई यानी डीआईयू में तैनात थे. 1997 बैच के सब-इंस्पेक्टर कौशल का 6 दिसम्बर 2016 को बतौर इंस्पेक्टर प्रमोशन हुआ था जिसके बाद उन्हें साउथ ईस्ट की एक्स ब्रांच में तैनात किया गया था.
परिवार का कहना है कि ट्रांसफर के कुछ दिन बाद से ही एडिशनल डीसीपी ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया. ये बातें अक्सर कौशल अपने परिवार को बताया करते थे. परिवार का कहना है कि तंग आकर जब कौशल ने अपने ट्रांसफर की बात की तो उन्हें साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की डिस्ट्रिक्ट इन्वेस्टिगेशन यूनिट में भेज दिया गया. उसके बाद भी उन पर लगातार दबाब डाला गया. पुलिस के मुताबिक इस मामले में सीआरपीसी की धारा 174 के तहत मामले की जांच की जा रही है.
पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक न तो कौशल ने पहले कोई शिकायत की और न ही कोई सुसाइड नोट छोड़ा है. परिवार का कहना है कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. आरटीआई से मिली सूचना के मुताबिक इस साल अभी तक 47 पुलिसकर्मी आत्महत्या कर चुके हैं और अधिकतर मामलों में कारण डिप्रेशन बताया जा रहा है.
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