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लगातार ‘नो ब्रीद जोन’ बना हुआ है दिल्ली-NCR, सबसे 'जहरीला' फरीदाबाद, दिल्ली में भी प्रदूषण से हालत खराब

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता अगले छह दिनों तक 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में बनी रहेगी. यानी आनेवाले दिनों में भी दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं मिलने वाली है.

लगातार ‘नो ब्रीद जोन’ बना हुआ है दिल्ली-NCR, सबसे 'जहरीला' फरीदाबाद, दिल्ली में भी प्रदूषण से हालत खराब
  • फरीदाबाद, गाजियाबाद, रोहतक, नोएडा और कैराना में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया.
  • दिल्ली में कई इलाकों का एक्यूआई 400 से ऊपर रहा है. राजधानी में लोगों का सांस लेने मुश्किल हो गया है.
  • वाहनों के धुएं का दिल्ली के कुल प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान है.
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नई दिल्ली:

भारत के 5 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों के आंकड़े डराने वाले हैं. फरीदाबाद का एक्यूआई इस वक्त देश में सबसे ज्यादा (624) है. इसके बाद दूसरे नंबर पर गाजियाबाद (617) है. तीसरे नंबर पर रोहतक (587) तो वहीं चौथे नंबर पर नोएडा (560) है. पांचवे नंबर पर कैराना (542) है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शून्य से 50 के बीच ए़क्यूआई ‘अच्छा', 51 से 100 ‘संतोषजनक', 101 से 200 ‘मध्यम', 201 से 300 ‘खराब', 301 से 400 ‘बेहद खराब' और 401 से 500 ‘गंभीर' माना जाता है. यानी फरीदाबाद, गाजियाबाद, रोहतक, नोएडा और कैराना में ए़क्यूआई ‘गंभीर' श्रेणी को भी पार कर चुका  है. यहां की प्रदूषित हवा लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रही है.

दिल्ली में बदतर होते हालात

दिल्ली में प्रदूषण लोगों को बीमार कर रहा है. कई लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. प्रदूषण से बदतर हुए हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. 15 से अधिक निगरानी केंद्रों में एक्यूआई 400 से अधिक दर्ज किया गया. शुक्रवार सुबह राजधानी का औसत AQI 373 दर्ज हुआ, जो लगातार सातवें दिन ‘बेहद खराब' श्रेणी में रहा.

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दिल्ली में 400 के पार AQI

दिल्ली के वजीरपुर (442), बवाना (430), रोहिणी (423), आनंद विहार (416), अशोक विहार (412), विवेक विहार (413) जैसे इलाकों में AQI 400 के ऊपर दर्ज किया गया है. चांदनी चौक, नरेला, नेहरू नगर और आरके पुरम भी 400 के पार हैं. 

बढ़ते प्रदूषण की क्या है वजह

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दिल्ली में प्रदूषण में सबसे ज्यादा योगदान गाड़ियों के धुएं का है. डिसिजन सपोर्ट सिस्टम के आंकड़े के अनुसार गुरुवार के दिन कुल प्रदूषण में 17.3% योगदान गाड़ियों के धुएं का रहा जो कि शुक्रवार के दिन अनुमानित 16.2% रह सकता है. वहीं पराली जलाने से गुरुवार को 2.8% प्रदूषण हुआ जबकि शुक्रवार के दिन इसका योगदान 1.8% होने का अनुमान जताया गया है. 

कब मिलेगी प्रदूषण से राहत

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता अगले छह दिनों तक 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में बनी रहेगी. यानी आनेवाले दिनों में भी दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं मिलने वाली है.

कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर कांग्रेस ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए एक वीडियो पोस्ट कर लिखा, लोगों की जान का दुश्मन बन चुका है. दूसरे राज्यों से आने वाले लोग भी यहां जहरीली हवा की गवाही दे रहे हैं. वे खुद बता रहे हैं कि दिल्ली सांस लेने लायक नहीं बची. जनता घुट-घुटकर जीने को मजबूर है, लेकिन BJP सरकार को रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ रहा.

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