प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार की एक समिति ने राष्ट्रीय राजधानी में साइकिल रिक्शा को पूरी तरह हटाकर उसकी जगह पर्यावरण अनुकूल ई-रिक्शा लाने की सिफारिश की है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में ई-रिक्शा की संख्या सीमा तय करने एवं रिक्शा मालिकों को स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस देने के बाद ही वाहन का पंजीकरण करने की भी सिफारिश की. हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद ई-रिक्शा को लेकर एक व्यापक नीति तैयार करने के लिए इस साल जनवरी में समिति गठित की गई.
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समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि साइकिल रिक्शा की जगह पूरी तरह छोटे ई-रिक्शे लाए जाएं और इन वाहनों को ज्यादा पर्यावरण एवं जन अनुकूल बनाने के लिए कोशिशें की जाएं. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा स्वीकृत ई-रिक्शा की अधिकतम चौड़ाई एक मीटर और अधिकतम लंबाई 2.8 मीटर है और उसमें चार यात्रियों को बैठाने की मंजूरी है. समिति ने इससे छोटा ई-रिक्शा डिजाइन करने की सिफारिश की, जिसमें केवल दो यात्री बैठ सकें.
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रिपोर्ट के अनुसार, 'इससे ई-रिक्शा ज्यादा पर्यावरण अनुकूल होंगे जिससे दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोगों को परिवहन सेवा मुहैया कराने में भी मदद मिलेगी जहां यात्रियों का घनत्व कम है.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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रिपोर्ट के अनुसार, 'इससे ई-रिक्शा ज्यादा पर्यावरण अनुकूल होंगे जिससे दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोगों को परिवहन सेवा मुहैया कराने में भी मदद मिलेगी जहां यात्रियों का घनत्व कम है.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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