- दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दो विशेषज्ञ पैनल गठित किए हैं.
- पैनल में आईएएस लीना नंदन की अध्यक्षता में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और IIT के प्रोफेसर शामिल हैं.
- पैनल वायु गुणवत्ता प्रबंधन रणनीति का मार्गदर्शन करेगा और सरकार को आवश्यक नीतिगत सुधारों पर सलाह देगा.
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए रेखा गुप्ता सरकार ने दो प्रदूषण पैनल गठित किए हैं. ये पैनल प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और दीर्घकालिक प्रबंधन पर साक्ष्य-आधारित मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं. विशेषज्ञों का यह ग्रुप दिल्ली सरकार को विभिन्न मानवजनित और प्राकृतिक कारणों से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए जरूरी क्षेत्रवार उपायों, प्रौद्योगिकी के उपयोग और नीतिगत सुधारों पर परामर्श देगा. यह समूह एक उच्च-स्तरीय सलाहकार समिति के रूप में कार्य करेगा, जो दिल्ली की वायु गुणवत्ता प्रबंधन रणनीति का मार्गदर्शन, मूल्यांकन और उसे और सुदृढ़ बनाने में मदद करेगा. हालांकि पर्यावरणविद कु और ही कह रहे हैं.
ये भी पढ़ें- पुरानी सरकारों ने क्या किया, कोई जादू की छड़ी नहीं... प्रदूषण पर दिल्ली की CM रेखा गुप्ता
प्रदूषण पैनल के बारे में जानें
सरकारी आदेश के मुताबिक, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की सेवानिवृत्त अधिकारी एवं पूर्व केंद्रीय पर्यावरण सचिव लीना नंदन विशेषज्ञ समूह की अध्यक्ष होंगी. अन्य सदस्यों में पूर्व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. जे. एस. काम्योत्रा, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर मुकेश खरे, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मुकेश शर्मा, टीईआरआई के ‘सर्कुलर इकोनॉमी एवं वेस्ट मैनेजमेंट' विभाग के निदेशक डॉ. सुनील पांडे, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग, भारत मौसम विज्ञान विभाग, ‘एयर पॉल्यूशन एक्शन ग्रुप', तथा फिक्की के अंग ‘पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री' के प्रतिनिधि शामिल हैं.
इस पैनल का गठन सीएम रेखा गुप्ता के एक हाई लेवल बैठक करने के दो दिन बाद शनिवार को किया गया. दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण न्यूनीकरण पर एक नए विशेषज्ञ पैनल और एक उच्च-स्तरीय कार्यान्वयन समिति के गठन की औपचारिक अधिसूचना जारी की.
दिल्ली का वायु प्रदूषण से बुरा हाल
पैनल गठन का ऐलान ऐसे दिन किया गया, जब दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'बेहद खराब' श्रेणी में बना हुआ था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक शनिवार रात 9 बजे दिल्ली का समग्र AQI 319 था, जिसमें सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाके मुंडका (381), रोहिणी (359) और नेहरू नगर (358) थे. ये सभी इलाके लगातार प्रदूषण हॉटस्पॉट की लिल्ट में बने हुए हैं.
विशेषज्ञ पैनल सरकार का मित्र
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक्स पर ट्वीट कर विशेषज्ञ पैनल को सरकार का "मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक" बताया. बता दें कि इस पैनल में सीनियर पर्यावरण वैज्ञानिक, पर्यावरण मंत्रालय के पूर्व अधिकारी, और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) जैसी वैधानिक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हैं.
In a move that further underscores our commitment to mitigating air pollution in Delhi, the Delhi Government has constituted an Expert Group on Air Pollution Mitigation.
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) December 6, 2025
This group will recommend measures for the prevention, control, abatement, and mitigation of air pollution in… pic.twitter.com/LOOM1Ye6pw
प्रदूषण से निपटने के लिए मिलकर काम करेंगे
मनजिंदर सिंह सिरसा ने आगे कहा कि विशेषज्ञ समूह और कार्यान्वयन समिति, दोनों मिलकर काम करेंगे. एक मस्तिष्क की तरह और दूसरा हमारे सामूहिक प्रयास का आधार होगा. उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार और दिल्ली के लोगों के मिलेजुले प्रयासों से, ईश्वर की इच्छा से प्रदूषण के खिलाफ इस युद्ध में जल्द विजय मिलेगी.
दिल्ली सरकार, अदालतों और प्रदूषण नियंत्रण अधिकारियों की तरफ से जारी निर्देशों का सख्ती से पालन हो, ये सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया है.
प्रदूषण पर क्या है विशेषज्ञों की राय?
पर्यावरणविदों का तर्क है कि दिल्ली में पिछले कुछ सालों में कई समितियां और विशेषज्ञ पैनल बने हैं, जिनमें से कई अदालती या वैधानिक निर्देशों के तहत गठित हुए. लेकिन शहर की जहरीली हवा पर इनका कोई खास असर नहीं हुआ. दिल्ली का विंटर स्मॉग एक रीक्योरिंग और प्रिडिक्टेबल संकट है, जो लोकल वेस्ट, पराली जलाने, स्थिर हवाओं की वजह से होता है. कई लोगों का तर्क है कि प्रदूषण के लेवल में बढ़ोतरी शुरू होने से महीनों पहले ही एक उच्च-स्तरीय पैनल गठन किया जाना चाहिए था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं