मनीष सिसोदिया और अरविन्द केजरीवाल (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार एक कड़ा कदम उठाते हुए करीब 100 सरकारी स्कूलों के परिसर को साफ-सुथरा नहीं रखने के मामले में उनके प्राचार्यों की वाषिर्क वेतनवृद्धि दो साल के लिए रोक सकती है।
उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस साल नवंबर में प्राचार्यों को निर्देश दिया था कि स्कूल परिसरों को स्वच्छ रखा जाए और एफआर-16 के तहत दो साल के लिए वेतनवृद्धि रोकने का भी प्रावधान है। सरकार ने कहा था कि बच्चों को गंदी कक्षाओं में बैठाना पाप है।
सिसोदिया ने दिया था 10 दिसंबर तक का समय
सिसोदिया ने कहा, ‘करीब 1000 सरकारी स्कूलों को उनके परिसरों में साफ-सफाई के लिए 10 दिसंबर की समय सीमा दी गई थी। समय सीमा के बाद स्वच्छ एप की तर्ज पर एसएमसी द्वारा निरीक्षण के लिए एक मोबाइल एप विकसित किया गया।’ उन्होंने कहा, 'एसएमसी के 225 निरीक्षण दलों द्वारा डाली गईं तस्वीरों के आधार पर 15 से 20 प्रतिशत स्कूल सरकार के दिशानिर्देशों की अवहेलना करते पाए गए। इसलिए मैंने विभागीय अधिकारियों से प्राचार्यों की वेतनवृद्धि दो साल के लिए रोकने को कहा है, जिन्होंने दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया।’
उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस साल नवंबर में प्राचार्यों को निर्देश दिया था कि स्कूल परिसरों को स्वच्छ रखा जाए और एफआर-16 के तहत दो साल के लिए वेतनवृद्धि रोकने का भी प्रावधान है। सरकार ने कहा था कि बच्चों को गंदी कक्षाओं में बैठाना पाप है।
सिसोदिया ने दिया था 10 दिसंबर तक का समय
सिसोदिया ने कहा, ‘करीब 1000 सरकारी स्कूलों को उनके परिसरों में साफ-सफाई के लिए 10 दिसंबर की समय सीमा दी गई थी। समय सीमा के बाद स्वच्छ एप की तर्ज पर एसएमसी द्वारा निरीक्षण के लिए एक मोबाइल एप विकसित किया गया।’ उन्होंने कहा, 'एसएमसी के 225 निरीक्षण दलों द्वारा डाली गईं तस्वीरों के आधार पर 15 से 20 प्रतिशत स्कूल सरकार के दिशानिर्देशों की अवहेलना करते पाए गए। इसलिए मैंने विभागीय अधिकारियों से प्राचार्यों की वेतनवृद्धि दो साल के लिए रोकने को कहा है, जिन्होंने दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया।’
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