मास्टरमाइंड संजय तिवारी के साथ उसका साथी गौरव (काले स्वेटर में)
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो बड़े-बड़े मंत्रियों को अपना शिकार बनाता था. ये कभी किसी मंत्री का पीए बनकर तो कभी अपने आपको बड़ा नेता बता कर नेताओं और जनता से पैसा वसूलने का काम करता था. पुलिस के मुताबिक इसपर 11 केस दर्ज हैं. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने संजय तिवारी नामक शख्स को गिरफ्तार किया है जो पलक झपकते ही बड़े-बड़े नेताओं की जेब खाली कर देता है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इसे झारखंड के एक मंत्री के पीए सुशांत मुखर्जी शिकायत पर गिरफ्तार किया है. दरअसल इसने मंत्री को फोन करके यह कहा कि चुनाव नजदीक है और पार्टी फंड के लिए पैसा चाहिए, इसके बाद इसने एक शख्स को पैसा लेने के लिए मंत्री के दफ्तर पर भेज दिया. जब मंत्री जी को उस शख्स पर शक हुआ तब इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को की गई.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इसे और इसके साथी गौरव को गिरफ्तार कर लिया. जब इससे पूछताछ हुई तो पुलिस को पता चला कि इससे पहले भी इस पर इस तरह के 11 मामले दर्ज हैं.
साल 2005 में संजय तिवारी के ऊपर दो मामले दर्ज हुए. इसके बाद 2007, 2012, 2016 और अब ये एक बार फिर पुलिस की गिरफ्त में है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक पूछताछ में इसने बताया है कि दरअसल ये कुछ दिन तक नॉर्थ ईस्ट के एक एमपी के पास उनका पीए बनकर रहा. वहीं से इसे यह काम करने का आइडिया आया. सांसद का पीए रहने के दौरान ही संजय तिवारी ने सीखा कि कैसे राजनीतिक पार्टियों में पार्टी फंड के नाम पर पैसा लिया जाता है. और उसी जानकारी के आधार पर संजय तिवारी दूसरे राजनेताओं से उगाही किया करता था. नेताओं को ठगने से पहले भरोसा कायम करने के लिए संजय तिवारी नेताओं को पार्टी के दफ्तर में भी मुलाकात के लिए बुलाया करता था.
इतना ही नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम पर भी ये उगाही कर चुका है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बताया कि ये दोनों कई नेताओं के स्टिंग करके भी नेताओं को ब्लैकमेल किया करते थे. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच अब जहां इन दोनों से पूछताछ कर रही है तो वहीं 2 और लोगों को भी दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है. ये वो दो लोग हैं जिनका इस्तेमाल संजय तिवारी और सौरभ शर्मा चंद रुपये देकर काम करवाते थे.
क्राइम ब्रांच अब जांच कर रही है कि इस गिरोह में इन दोनों के अलावा और कितने लोग शामिल हैं. क्या कहीं इन दोनों के साथ इस गिरोह में कोई राजनेता भी शामिल है. इन तमाम सवालों का जवाब अब क्राइम ब्रांच ढूंढ रही है.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इसे और इसके साथी गौरव को गिरफ्तार कर लिया. जब इससे पूछताछ हुई तो पुलिस को पता चला कि इससे पहले भी इस पर इस तरह के 11 मामले दर्ज हैं.
साल 2005 में संजय तिवारी के ऊपर दो मामले दर्ज हुए. इसके बाद 2007, 2012, 2016 और अब ये एक बार फिर पुलिस की गिरफ्त में है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक पूछताछ में इसने बताया है कि दरअसल ये कुछ दिन तक नॉर्थ ईस्ट के एक एमपी के पास उनका पीए बनकर रहा. वहीं से इसे यह काम करने का आइडिया आया. सांसद का पीए रहने के दौरान ही संजय तिवारी ने सीखा कि कैसे राजनीतिक पार्टियों में पार्टी फंड के नाम पर पैसा लिया जाता है. और उसी जानकारी के आधार पर संजय तिवारी दूसरे राजनेताओं से उगाही किया करता था. नेताओं को ठगने से पहले भरोसा कायम करने के लिए संजय तिवारी नेताओं को पार्टी के दफ्तर में भी मुलाकात के लिए बुलाया करता था.
इतना ही नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम पर भी ये उगाही कर चुका है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बताया कि ये दोनों कई नेताओं के स्टिंग करके भी नेताओं को ब्लैकमेल किया करते थे. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच अब जहां इन दोनों से पूछताछ कर रही है तो वहीं 2 और लोगों को भी दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है. ये वो दो लोग हैं जिनका इस्तेमाल संजय तिवारी और सौरभ शर्मा चंद रुपये देकर काम करवाते थे.
क्राइम ब्रांच अब जांच कर रही है कि इस गिरोह में इन दोनों के अलावा और कितने लोग शामिल हैं. क्या कहीं इन दोनों के साथ इस गिरोह में कोई राजनेता भी शामिल है. इन तमाम सवालों का जवाब अब क्राइम ब्रांच ढूंढ रही है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
दिल्ली पुलिस, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच, नेताओं से उगाही, संजय तिवारी, गौरव, Delhi Police, Delhi Police Crime Branch, Raise Money From Political Leaders, Sanjay Tiwari, Gaurav