
- मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के आवास पर जन सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने अचानक उन पर हमला कर दिया.
- हमले में भाजपा कार्यकर्ता नेहा भारद्वाज ने हमलावर को रोकने की कोशिश की, जिसमें उनके हाथ में चोट भी आई.
- मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस हमले को सुनियोजित बताया है और कहा कि इसकी पहले से दो दिन तक रेकी की गई थी.
मुख्यमंत्री आवास पर जन सुनवाई शुरू हुए बमुश्किल 30 से 40 मिनट ही हुए होंगे, तभी नेहा भारद्वाज ने शोर सुना, पहले लगा कि कोई बंदर आ गया, लेकिन देखा कि एक शख्स मुख्यमंत्री को धक्का दे रहा है और पुलिस उसे पकड़ रही है. नेहा ने भी तुरंत हमलावर को पीछे से पकड़ा, लेकिन तभी हमलावर ने एक हाथ से नेहा के बाल पकड़ लिए. ये सब वाकया 2 मिनट के भीतर हो गया. इस पूरे धक्कामुक्की में नेहा के हाथ में भी चोट लगी.
दरअसल मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के आवास पर बुधवार सुबह आठ बजे से होने वाली जन सुनवाई में कोई भी शिकायत लेकर आ सकता है. पहले उसकी जमा तलाशी होती है, फिर उसका नाम और पता लिखकर उसे एक हाल में बैठाया जाता है. चार-चार कुर्सियों की तीन क़तार लगी होती है, ताकि एक बार में चार लोग अपनी शिकायत मुख्यमंत्री को दे सकें. नेहा उसी जनसुनवाई में शिकायत देने वाले लोगों की क़तार लगवाती है. नेहा ने बताया कि ये शख्स पहले तीसरी क़तार में बैठा था, फिर तीन दूसरे लोगों के साथ इस पहली कतार में बैठा. उसने पानी पिया, फिर अपना बैग रखा. जैसे ही मुख्यमंत्री इससे मिलने पहुंचीं, इसने तीन लोगों को पीछे करके मुख्यमंत्री पर अचानक हमला कर दिया. नेहा कहती है कि पीछे की कतार के लोगों को आगे आने को ही बोल रही थी, तभी ये वाकया हुआ.

आरोपी को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी
वहीं दूसरे प्रत्यक्षदर्शी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि उसे छुड़ाने में ख़ासी मशक़्क़त करनी पड़ी, जबकि पुलिस और नेहा भारद्वाज जैसे आधा दर्जन लोग उसे छुड़ा रहे थे. इस पूरे वाक़ये में नेहा के हाथ में भी चोट लगी है. नेहा भारद्वाज बीजेपी की कार्यकर्ता हैं और रेखा गुप्ता के साथ लंबे समय से जुड़ी हैं. यही वजह है कि वो रेखा गुप्ता के हर कार्यक्रम में बढ़चढ़कर हिस्सा लेती रही हैं. कई कार्यकर्ता चिंतित हैं, उनको लगता है कि इस तरह का हमला एक महिला मुख्यमंत्री के आत्मविश्वास को तोड़ने के लिए हुआ है.

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा- हमला सुनियोजित
इधर मुख्यमंत्री कार्यालय का कहना है कि ये हमला सुनियोजित था. बाक़ायदा दो दिन रेकी की गई, जिसमें एक दिन सिविल लाइंस के आधिकारिक आवास पर भी रेकी की गई, तब ये हमला किया गया है. विधायक हरीश खुराना ने कहा कि अगर डॉग का ही मामला था, तो इससे गुजरात का क्या संबंध था. राजकोट से आकर रेकी की गई और फिर ये हमला हुआ. पुलिस जांच में सारी बातें सामने आएंगी.

सीएम न तो डरी और न जनसुनवाई बंद होगी- प्रवेश वर्मा
मुख्यमंत्री पर हुए हमले के बाद से सरकारी आवास पर लोगों का तांता लगा है. कैबिनेट के सब सहयोगियों ने मुलाक़ात की. इसके बाद प्रवेश वर्मा ने कहा कि जनता सुनवाई मुख्यमंत्री बंद नहीं करेंगी, लेकिन रेखा गुप्ता को मानसिक आघात लगा है. हालांकि वो न तो डरी हैं और न ही जनता की सुनवाई बंद करेंगी. पहले की तरह वो मिलती रहेंगी. दरअसल मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता लोगों से मिलने में कोई संकोच नहीं करती हैं और इसके लिए बहुत सख़्त सुरक्षा इंतज़ाम हो ही, इसको तवज्जो नहीं देती हैं. चाहे बाढ़ पीड़ितों से मिलने का मामला हो या फिर लोगों से, वो हमेशा सुलभ रहती हैं.
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