प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
पुराने डीजल वाहनों को लेकर एनजीटी ने कोई राहत नहीं दी है। एनजीटी ने कहा है कि 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों के पंजीकरण रद्द करने संबंधी आदेश प्रभावपूर्ण तरीके से लागू होने चाहिए। एनजीटी ने कहा कि पहले 15 साल पुराने डीजल वाहनों को डी-रजिस्टर करना शुरू करें। इसके बाद 14, 13,12,11 और फिर 10 साल पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण निरस्त करें।
सभी निरस्त किए जाने वाले वाहनों को दिल्ली से बाहर के लिए एनओसी दें। पीठ ने सभी राज्यों को कहा कि वे खुले वातावरण और जहां गाड़ियों का घनत्व कम हो वैसी जगहों की पहचान कर जल्द से जल्द बताएं। ताकि दिल्ली आरटीओ दिल्ली से बाहर के लिए एनओसी जारी कर सकें।
15 साल पुराने डीजल ट्रक जो कि भारत मानक 1 और 2 में शामिल हैं, उन्हें एनओसी न दी जाए। साथ ही इन वाहनों को तत्काल स्क्रैप किया जाए। भारी वाहन जिन्हें नेशनल परमिट हासिल है वे दिल्ली -एनसीआर में नहीं आने चाहिए। ट्रांसपोर्ट ठीक करने के लिए दिल्ली सरकार तत्काल उठाए कदम। इसके साथ ही एनजीटी ने प्रेशर हॉर्न और साइलेंसर हटाने पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाने को कहा है।
सभी निरस्त किए जाने वाले वाहनों को दिल्ली से बाहर के लिए एनओसी दें। पीठ ने सभी राज्यों को कहा कि वे खुले वातावरण और जहां गाड़ियों का घनत्व कम हो वैसी जगहों की पहचान कर जल्द से जल्द बताएं। ताकि दिल्ली आरटीओ दिल्ली से बाहर के लिए एनओसी जारी कर सकें।
15 साल पुराने डीजल ट्रक जो कि भारत मानक 1 और 2 में शामिल हैं, उन्हें एनओसी न दी जाए। साथ ही इन वाहनों को तत्काल स्क्रैप किया जाए। भारी वाहन जिन्हें नेशनल परमिट हासिल है वे दिल्ली -एनसीआर में नहीं आने चाहिए। ट्रांसपोर्ट ठीक करने के लिए दिल्ली सरकार तत्काल उठाए कदम। इसके साथ ही एनजीटी ने प्रेशर हॉर्न और साइलेंसर हटाने पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाने को कहा है।