दिल्ली बीजेप के अध्यक्ष मनोज तिवारी (फाइल फोटो).
- तिवारी ने कहा- प्राइवेट कंपनी के साथ जानकारी साझा की जा रही
- आम आदमी को संकट में डालने की एक साजिश
- परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड और वोटर ID कार्ड मांगे गए
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नई दिल्ली:
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सभी बच्चों से मांगी जा रही तरह-तरह की जानकारी पर सवाल उठाए हैं और इसको केजरीवाल सरकार का कुटिल प्रयास बताया है. मनोज तिवारी ने ट्वीट कर कहा 'स्कूली बच्चों के माता-पिता की जानकारी साझा करके केजरीवाल सरकार उनकी निजता भंग करने का कुटिल प्रयास कर रही है. एक प्राइवेट कंपनी के साथ जानकारी साझा करके आम आदमी को संकट में डालने की एक साजिश. मकसद क्या है?'
दरअसल दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन ने सभी सरकारी स्कूलों को एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें सभी बच्चों से एक फॉर्म भरवाने के लिए कहा गया है इस फॉर्म में सभी बच्चों को अपने परिवार की सारी जानकारी देनी होगी . बच्चों से उनका, उनके परिवार के सभी सदस्यों यानी माता-पिता के साथ ही सभी भाई-बहनों का आधार कार्ड और वोटर ID कार्ड भी मांगा गया है. यही नहीं, यह भी पूछा गया है कि अपने मकान में रहते हैं या किराए के मकान में और जिस मकान में रह रहे हैं वह स्थाई है या अस्थाई है. सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि एक विशेष बाहरी एजेंसी इन सारे डेटा को स्कूलों से कलेक्ट करेगी.
यह भी पढ़ें : डोर स्टेप डिलीवरी सेवा : केजरीवाल ने कहा मंत्री की इजाजत के बिना खारिज नहीं होगा कोई आवेदन 
मनोज तिवारी ने सभी स्कूली बच्चों के माता-पिता से अपील की है कि वे केजरीवाल सरकार के साथ कोई नई डिटेल शेयर न करें क्योंकि उन्होंने दाखिले के समय सभी जरूरी जानकारी पहले ही दे दी हैं. 
VIDEO : डोर स्टेप डिलीवरी, हजारों कॉल, चंद घरों तक पहुंची सरकार
दिल्ली में दिल्ली सरकार के तहत एक हजार से ज्यादा सरकरी स्कूल आते हैं. जिनमें 10 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं.
दरअसल दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन ने सभी सरकारी स्कूलों को एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें सभी बच्चों से एक फॉर्म भरवाने के लिए कहा गया है इस फॉर्म में सभी बच्चों को अपने परिवार की सारी जानकारी देनी होगी . बच्चों से उनका, उनके परिवार के सभी सदस्यों यानी माता-पिता के साथ ही सभी भाई-बहनों का आधार कार्ड और वोटर ID कार्ड भी मांगा गया है. यही नहीं, यह भी पूछा गया है कि अपने मकान में रहते हैं या किराए के मकान में और जिस मकान में रह रहे हैं वह स्थाई है या अस्थाई है. सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि एक विशेष बाहरी एजेंसी इन सारे डेटा को स्कूलों से कलेक्ट करेगी.
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मनोज तिवारी ने सभी स्कूली बच्चों के माता-पिता से अपील की है कि वे केजरीवाल सरकार के साथ कोई नई डिटेल शेयर न करें क्योंकि उन्होंने दाखिले के समय सभी जरूरी जानकारी पहले ही दे दी हैं.
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