दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिस आबकारी नीति 2021-22 को दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को लागू नहीं करने दिया गया. वही नीति पंजाब में कारगर साबित हुई है. पंजाब में भी आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार है. उपराज्यपाल (एलजी) वी के सक्सेना ने नीति को लागू करने में कथित अनियमितता को लेकर जुलाई में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद दिल्ली सरकार को मजबूरन यह नीति वापस लेनी पड़ी थी.
केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार ने नीति वापस लेते हुए तत्काल कोई कारण नहीं बताया था. आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, "इसी आबकारी नीति को हमें दिल्ली में लागू नहीं कर दिया गया था और वह पंजाब में कारगर साबित हुई है. भगवंत मान और हरपाल को बधाई."
The same excise policy, which they did not allow us to implement in Delhi, is doing wonders in Punjab. Congrats Bhagwant! Congrats Harpal! https://t.co/5ekRAaK4gd
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 13, 2022
पंजाब के आबकारी मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने गुरुवार को कहा कि राज्य का आबकारी संग्रह पहली बार वित्तीय वर्ष के शुरुआती छह महीनों में 4,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है.
दिल्ली सरकार के एक कैबिनेट नोट में नीति को वापस लेने का कारण शराब की अधिक बिक्री के बावजूद राजस्व में कमी, व्यवसाय से लाइसेंसधारियों के चले जाने, छूट के चलते 'अस्वस्थ बाजार चलन' और प्रीमियम ब्रांडों की कमी बताए गए थे. इस नीति को 17 नवंबर 2021 को लागू किया गया था.
सीबीआई ने नीति में कथित अनियमितता को लेकर दर्ज प्राथमिकी में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को नामज़द किया है.
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