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This Article is From Feb 25, 2022

'बिटकॉइन गैरकानूनी है या नहीं?'- GainBitcoin स्कैम में सुनवाई के दौरान SC ने केंद्र से किया सवाल

शीर्ष अदालत GainBitcoin Scam से जुड़े एक मुद्दे की सुनवाई कर रहा था. इसमें  20,000 करोड़ रुपये मूल्य के 87,000 बिटकॉइन की कथित धोखाधड़ी शामिल है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र बिटकॉइन पर स्पष्टता दे कि ये अवैध है या नहीं.

'बिटकॉइन गैरकानूनी है या नहीं?'- GainBitcoin स्कैम में सुनवाई के दौरान SC ने केंद्र से किया सवाल
GainBitcoin Scam में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से किया सवाल. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

20,000 करोड़ रुपये के बिटकॉइन के जरिए करोड़ों के घोटाला मामले (Cryptocurrency Scam) में सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र बिटकॉइन पर स्पष्टता दे कि ये अवैध है या नहीं (Bitcoin Legal or Not). इस मामले में जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र से कहा कि उसे अपना रुख स्पष्ट करना होगा. केंद्र के लिए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि बिटकॉइन की वैधता पर यहां सवाल नहीं है, ये एक बहुत बड़ा घोटाला है. दरअसल, शीर्ष अदालत GainBitcoin Scam से जुड़े एक मुद्दे की सुनवाई कर रहा था. इसमें  20,000 करोड़ रुपये मूल्य के 87,000 बिटकॉइन की कथित धोखाधड़ी शामिल है. 

SC घोटाले के एक आरोपी अजय भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को रद्द करने की मांग की थी. उन्हें मार्च 2018 में गिरफ्तार किया गया था. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी.

मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी अजय भारद्वाज को 4 हफ्ते के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत जारी रखी. अब इस मामले की 4 हफ्ते बाद अगली सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने जांच अधिकारी से भी स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. 

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गेनबिटकॉइन घोटाले के पीछे कथित मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज बताया गया है. उन्हें मार्च 2018 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में 3 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी. भारद्वाज ने कई कंपनियां बनाई थीं और 10% रिटर्न का वादा करने वाली MLM (मल्टी लेवल मार्केटिंग) गेनबिटकॉइन योजना चलाने के लिए बदनाम है.

आरोप है कि भारद्वाज ने एक बहु-स्तरीय विपणन घोटाले की साजिश रची और निवेशकों को उच्च रिटर्न के बदले उन्हें बिटकॉइन देने का लालच दिया. उन्होंने 10 प्रतिशत रिटर्न की पेशकश करते हुए 18 महीने का अनुबंध पेश किया. अमित भारद्वाज ने अपना वादा पूरा नहीं किया, रिटर्न नहीं दिया और बाद में देश छोड़कर भाग गए.

पुणे पुलिस ने अमित और उससे जुड़े सात अन्य लोगों को मार्च 2018 में गिरफ्तार किया था. ED ने पहली बार 1 जनवरी, 2021 को अमित भारद्वाज और अन्य आरोपियों (हेमंत भोपे, आकाश संचेती और अन्य) को समन जारी किया था.  तब से अमित भारद्वाज और उनके भाइयों-अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वाज,  उनकी मां बिमला देवी  को भी कई समन जारी किए गए हैं. ASG ऐश्वर्या भाटी ने आज SC को सूचित किया कि इसमें 87,000 बिटकॉइन शामिल हैं और आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि आरोपी जांच में सहयोग करे.

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घोटाले के मास्टरमाइंड अजय भारद्वाज की जमानत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हज़ारों करोड़ के इस घोटाले में सभी आरोपियो को मामले की जांच में सहयोग करने के निर्देश के साथ उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर लगी रोक को अगली सुनवाई तक बहाल रखते हुए मामले पर आरोपियों के जांच में सहयोग करने के मामले पर जांच अधिकारी से 4 हफ्ते में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

दरअसल 2018 में यह 2 हज़ार करोड़ का गेनबिटकॉइन घोटाला मामला 20 हज़ार का हो चुका है. इस मामले मे आरोपियों को नोटिस किए जाने के बाद भी जांच में सहयोग नही किया जा रहा है. इसी का हवाला देकर ED ने अजय भारद्वाज को जमानत दिए जाने का विरोध किया.

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