समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके गनर की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. घटना में शामिल 2 से 3 शूटर्स की पुलिस ने पहचान कर ली है. कई सीसीटीवी कैमरों के जरिये शूटर्स की कई तस्वीरें सामने आई है. सीसीटीवी में उमेश पाल के घर के सामने अपराधी गोलियां और बम से हमले करते हुए कैद हुए हैं. मौके पर मौजूद लोगों के जरिये शूटर्स के स्केच भी पुलिस की तरफ से बनवाया गया है. चिन्हित किये गए शूटर्स को पकड़ने के लिए पुलिस और एसटीएफ की कई टीमों की तरफ से छापेमारी की जा रही है. प्रयागराज के अलावा पूर्वांचल, सहित यूपी के कई जिलों और एमपी में भी छापेमारी की गई है. पुलिस की 8 और एसटीएफ की कई टीमें अपराधियों की धर-पकड़ में लगी है.
प्रयागराज के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद की शुक्रवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. धूमनगंज थानाक्षेत्र में उमेश पाल के घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने बम और गोली से उन पर हमला किया था. इस हमले में उमेश पाल के अलावा उनके दो सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए थे. प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने पत्रकारों को बताया था की आज शाम को पुलिस को सूचना प्राप्त हुई थी कि किसी मामले में पैरवी कर रहे उमेश पाल पर हमला हुआ था. उनके अनुसार सरकार की ओर से उन्हें दो सुरक्षाकर्मी दिए गए थे और वे भी इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था कि ‘‘ यह है उत्तर प्रदेश में ‘एनकाउंटर सरकार' की झूठी छवि का ‘सच्चा एनकाउंटर', जहां इलाहाबाद में सरेआम एक हत्याकांड के गवाह सहित दो पुलिसकर्मियों को बम-गोली से भून दिया गया।.उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के तहत ऐसी सुरक्षा एवं क़ानून-व्यवस्था में आम जनता भयभीत है.''
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