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दिल्ली-एनसीआर में नवजात बच्चे खरीद रहे अमीर परिवार, दिल्ली पुलिस कर रही इनकी पहचान, जानिए कैसे पता चला 

Rich Families Buying Newborn Babies In Delhi NCR: गिरोह के मुख्य सदस्य यास्मीन, अंजलि और जितेन्द्र गिरफ्तार किए गए हैं. आरोपी अंजलि को पहले एक बार सीबीआई ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में गिरफ्तार किया था.

दिल्ली-एनसीआर में नवजात बच्चे खरीद रहे अमीर परिवार, दिल्ली पुलिस कर रही इनकी पहचान, जानिए कैसे पता चला 
Rich Families Buying Newborn Babies In Delhi NCR: दिल्ली पुलिस अब बच्चे खरीदने वाले परिवारों को ढूंढ रही है.

Rich Families Buying Newborn Babies In Delhi NCR: दिल्ली-एनसीआर में नवजात बच्चे खरीदे और बेचे जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह को गिरफ्तार किया है. मगर उससे भी हैरान करने वाली बात ये है कि बच्चे खरीदने के मामले में दिल्ली-एनसीआर का अमीर तबका शामिल है. जाहिर है ये पढ़ा-लिखा तबका है, मगर इस तरह के अपराध में शामिल है. गिरोह की मास्टरमाइंड एक महिला है और वो अभी फरार है. दिल्ली पुलिस के अनुसार ये गिरोह देश के कई राज्यों में काम करता था और अंतरराज्यीय मानव तस्करी का एक बड़ा सिंडिकेट है.

कहां से चोरी करते थे नवजात बच्चों को

दिल्ली पुलिस के अनुसार ये गिरोह दिल्ली एनसीआर के अमीर परिवारों को नवजात बच्चे बेचता था. द्वारका जिले की पुलिस ने गुजरात, राजस्थान और दिल्ली में सक्रिय गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से मात्र 3-4 दिन का एक नवजात बच्चा भी बरामद किया गया है. इस गिरोह की मास्टरमाइंड महिला फरार है. उसकी गिरफ्तारी के लिए रेड्स जारी हैं. गिरोह ने अब तक 30 से ज्यादा बच्चों को दिल्ली एनसीआर में अमीर परिवारों को बेचा है. जांच में पता चला कि गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से गरीब तबके के बच्चे ये गिरोह चोरी करता था और दिल्ली-एनसीआर के निःसंतान अमीर परिवारों को नवजात बच्चों की सप्लाई करता था.

कितने में बेचते थे नवजात बच्चों को 

गिरोह के मुख्य सदस्य यास्मीन, अंजलि और जितेन्द्र गिरफ्तार किए गए हैं. आरोपी अंजलि को पहले एक बार सीबीआई ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. जमानत पर बाहर आकर वह इस धंधे से जुड़ गई. दिल्ली पुलिस की टीम ने  20 से अधिक संदिग्ध मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (CDRs) का विश्लेषण किया तो उसे शक हुआ. दिल्ली पुलिस के द्वारका जिले के DCP अंकित चौहान के मुताबिक, टीम ने लगातार 20 दिनों तक एक सीक्रेट इनफॉरमेशन पर काम किया और 8 अप्रैल 2025 को उत्तम नगर से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उन्होंने बताया कि गिरोह की सरगना एक महिला है. उस महिला का नाम सरोज है. सरोज के कहने पर ये तीनों नवजात बच्चों को राजस्थान और गुजरात से लाकर 5 से 10 लाख रुपये में दिल्ली एनसीआर के अमीर परिवारों को बेचते थे.

नवजात बच्चे खरीदने वालों का क्या होगा

मानव तस्करी रैकेट की मास्टरमाइंड सरोज की उम्र 40 साल है. वही अमीर घरानों के परिवारों से सीधे डील करती थी. इस गिरोह ने गुजरात-राजस्थान के बॉर्डर के इलाके पाली में आदिवासी समाज से ज्यादातर बच्चे चुराए हैं या कुछ परिवार को गुमराह कर उनके बच्चे लेकर बेचे हैं. सरोज ने याशमीन को बच्चे चुराने का टास्क दिया था. अंजली बच्चों की डिलेवरी करती थी. पैसा कलेक्ट सरोज करती थी. जिन परिवारों को बच्चे बेचे गए हैं, अब उनकी पहचान की जा रही है. दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही कर सकती है. 
 

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