- गुजरात के राजकोट में किसान कानाभाई मेरुभाई जोग की हत्या कुल्हाड़ी से सिर पर चोट लगने से हुई थी
- पुलिस जांच में पता चला कि कानाभाई के बेटे और चचेरे भाई ने मिलकर हत्या की योजना बनाई थी
- रामदे ने इजरायल में नौकरी के लिए 16 लाख रुपये की जरूरत बताकर पिता की जान ली थी
इंसान पैसे के लिए क्या कर सकता है इसका अंदाजा गुजरात में हुए एक मर्डर केस से पता चलता है. किसान कानाभाई मेरुभाई जोग (उम्र 55) की लाश 9 दिसंबर को राजकोट के उपलेटा तालुका के चरेलिया गांव के पास राजपारा फार्म में मिली थी. पुलिस पहुंची तो परिवार ने इसे एक्सीडेंट बता दिया. हालांकि, पुलिस ने फिर भी पोस्टमार्टम करा दिया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जब आई तो मौत का कारण किसी धारदार हथियार से सिर पर गंभीर चोटें आना बताया गया. इससे भयावदर पुलिस के होश उड़ गए. कारण परिवार ने तो मौत को हादसा बताया था.
इजरायल जाना था
फिर पुलिस ने गुपचुप मामले की जांच शुरू कर दी तो एक चौंकाने वाली बातें सामने आईं. पुलिस जांच में पता चला कि कानाभाई के अपने बेटे रामदे कानाभाई जोग (उम्र 28) और चचेरे भाई विराम भूपतभाई जोग (उम्र 25) ने कुल्हाड़ी से काटकर उसकी हत्या कर दी थी. मुख्य आरोपी रामदे को इजरायल में नौकरी के लिए 16 लाख रुपये की जरूरत थी. जब कहीं से कुछ मदद नहीं मिली तो उसने एक साल पहले अपने पिता कानाभाई के नाम पर 70 लाख रुपये की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ले ली.
इंश्योरेंस पॉलिसी का मकसद
इंश्योरेंस पॉलिसी लेने का मकसद पिता की सेहत की चिंता नहीं बल्कि एक खौफनाक साजिश थी. पैसे के लालच और विदेश जाने की चाहत में रामदे ने अपने पिता को मारकर इंश्योरेंस पॉलिसी का क्लेम लेने का इरादा पक्का किया. उनकी प्लानिंग थी कि कानाभाई को मारकर हत्या को दुर्घटना बता दिया जाएगा और फिर इंश्योरेंस क्लेम से वो विदेश चला जाएगा. इसी के तहत हत्या के बाद घटना को दुर्घटना बताने की कोशिश की गई. पुलिस को भी बताया गया कि मौत एक एक्सीडेंट है, लेकिन पुलिस ने उसकी योजना को विफल कर दिया.
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