मुनव्वर हसन की पत्नी सोनिया अपने चारों बच्चों के साथ (फाइल फोटो).
- मेरठ के पास मुनव्वर की पत्नी सोनिया और दो बेटियों को गोली मारी
- दोनों बेटों को बुराड़ी के एक घर में गला घोंटकर मौत के घाट उतारा
- मुनव्वर हसन की बुराड़ी में उसके घर में गोली मारकर हत्या की
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नई दिल्ली:
दिल्ली के बुराड़ी इलाके में रहने वाले भूमाफिया और बीएसपी नेता मुनव्वर हसन और उसके परिवार के पांच लोगों की हत्याओं के राज से अब पूरी तरह पर्दा उठ गया है. पुलिस ने एक कार और सभी शव बरामद कर लिए हैं.
इस मामले के मुख्य आरोपी और साजिशकर्ता बंटी ने खुलासा किया कि इसी साल 20 अप्रैल को वह सहारनपुर से मुनव्वर की पत्नी सोनिया और दो बेटियां अर्शी और आरजू को कार से लेकर रात नौ बजे चला. उसने उनसे कहा कि वह उन्हें दिल्ली ले जा रहा है. दरसअल सोनिया की बहन सहारनपुर में रहती है. सोनिया अपनी बेटियों के साथ उससे मिलने सहारनपुर गई थी. रात में करीब 11 बजे वे मेरठ से पहले एक गांव दौराला पहुंचे. वहां पर दो लोग जुल्फिकार और राजा पहले से मौजूद थे. इन दोनों ने कार रुकवाई और लुटेरे बनकर लूटने का नाटक किया ताकि सोनिया को लगे कि वे दोनों बंटी के जानकार नहीं हैं. इसके बाद जुल्फिकार और राजा भी कार में बैठ गए.
कुछ ही देर में बंटी कार लेकर दौराला के पावर हाउस के नजदीक पहुंच गया. वहां पर जुल्फिकार और राजा ने तीनों को गोली मार दी. इससे पहले वाहिद नाम का एक शख्स वहीं काली नदी के पास पहले से ही कब्र खोद रहा था. उसी कब्र में तीनों के शव दफनाकर बंटी अपने साथियों के साथ दिल्ली आ गया.
वह घर जिसमें मुनव्वर हसन के बेटों की हत्या की गई.
दिल्ली आने के बाद 21 अप्रैल की सुबह जब मुनव्वर के दोनों बेटों आकिब और शाकिब ने बंटी से फोन कर मां और बहन के बारे में पूछा तो बंटी ने उन्हें बुराड़ी में ही एक बंद पड़े मकान में बुलाया. दोनों बेटों को बंटी, राजा, वाहिद, फिरोज़ और जुल्फिकार ने पकड़कर बांध दिया. मुंह पर टेप लगा दिया और अगले दिन यानि 22 अप्रैल को गला दबाकर दोनों की हत्या कर दी. इसके बाद दोनों के शव उसी घर में दफना दिए. राजा, फिरोज, वाहिद और जुल्फिकार चारों मेरठ के पास के समोली गांव के रहने वाले हैं. यह चारों बंटी के पिता के लिए वेल्डिंग का काम करते थे. बंटी के पिता का लोहे का कारोबार गाजियाबाद के अकबरपुर इलाके में है. बंटी ने कत्ल के बदले इन सभी को एक-एक लाख रुपये देने का वादा किया था.
पांच लोगों की हत्या करने के बाद रेप के एक मामले में जेल में बंद मुनव्वर को बंटी ने बताया कि उसका परिवार लापता है. परिवार को खोजने के लिए उसने 17 मई को मुनव्वर की जमानत कराई और 18 मई को वह मुनव्वर के साथ बुराड़ी थाने में गुमशुदगी की शिकायत देने गया. इसके बाद 20 मई को मुनव्वर के घर में ही उसे गोली मरवा दी. हत्या के बाद उसने मुनव्वर के फोन पर कई मिस कॉल भी किए और बाद में खुद ही पुलिस को हत्या की जानकारी दी ताकि पुलिस को उस पर शक न हो.
मुनव्वर हसन
साल 2000 में मुनव्वर भी इसी इलाके में प्रॉपर्टी का काम करता था. इसी दौरान बंटी के पिता से मुनव्वर की दोस्ती हो गई थी. फिर बंटी के पिता ने बंटी को मुनव्वर के साथ उसके धंधे में लगा दिया. इसके बाद मुनव्वर का काम तेजी से बढ़ने लगा. बंटी की मुनव्वर से दोस्ती धीरे-धीरे गहरी होती गई. यहां तक कि उसने मुनव्वर की पत्नी सोनिया को अपनी बहन बना लिया.
जब धंधा आगे बढ़ा तो बंटी मुनव्वर का पार्टनर बन गया. यह लोग बुराड़ी इलाके में जमीन और घरों पर कब्ज़ा करने लगे. वे विवाद वाली जमीन खरीदते और मुनाफा कमाते. इस बीच बंटी को लगने लगा कि उसकी मेहनत का मजा मुनव्वर ले रहा है. वह अपना हिस्सा मांगने लगा. बंटी पर कर्ज भी हो गया था. इस बीच बंटी को 20 लाख रुपये की जरूरत पड़ी तो मुनव्वर ने नहीं दिया. इसके बाद उसने मुनव्वर की सभी संपत्तियों पर कब्ज़ा करने के लिए यह पूरी साजिश रची.
पुलिस ने सोमवार को बुराड़ी इलाके के एक मकान से मुनव्वर के दोनों बेटों के शव बरामद किए. यह शव करीब 5 फीट गहरा गड्ढा खोदकर दफनाए गए थे और ऊपर से लैंटर भी डाला गया था. शव जल्दी गल जाएं इसलिए उनके ऊपर नमक भी डाला गया था.
मंगलवार को पुलिस ने मेरठ के पास दौराला से मुनव्वर की पत्नी और उसकी दोनों बेटियों के शव भी बरामद कर लिए. यह शव करीब 10 फीट गहरा गड्ढा खोदकर दफनाए गए थे. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने आरोपियों को पीटने की भी कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें बचा लिया.
इस मामले के मुख्य आरोपी और साजिशकर्ता बंटी ने खुलासा किया कि इसी साल 20 अप्रैल को वह सहारनपुर से मुनव्वर की पत्नी सोनिया और दो बेटियां अर्शी और आरजू को कार से लेकर रात नौ बजे चला. उसने उनसे कहा कि वह उन्हें दिल्ली ले जा रहा है. दरसअल सोनिया की बहन सहारनपुर में रहती है. सोनिया अपनी बेटियों के साथ उससे मिलने सहारनपुर गई थी. रात में करीब 11 बजे वे मेरठ से पहले एक गांव दौराला पहुंचे. वहां पर दो लोग जुल्फिकार और राजा पहले से मौजूद थे. इन दोनों ने कार रुकवाई और लुटेरे बनकर लूटने का नाटक किया ताकि सोनिया को लगे कि वे दोनों बंटी के जानकार नहीं हैं. इसके बाद जुल्फिकार और राजा भी कार में बैठ गए.
कुछ ही देर में बंटी कार लेकर दौराला के पावर हाउस के नजदीक पहुंच गया. वहां पर जुल्फिकार और राजा ने तीनों को गोली मार दी. इससे पहले वाहिद नाम का एक शख्स वहीं काली नदी के पास पहले से ही कब्र खोद रहा था. उसी कब्र में तीनों के शव दफनाकर बंटी अपने साथियों के साथ दिल्ली आ गया.

दिल्ली आने के बाद 21 अप्रैल की सुबह जब मुनव्वर के दोनों बेटों आकिब और शाकिब ने बंटी से फोन कर मां और बहन के बारे में पूछा तो बंटी ने उन्हें बुराड़ी में ही एक बंद पड़े मकान में बुलाया. दोनों बेटों को बंटी, राजा, वाहिद, फिरोज़ और जुल्फिकार ने पकड़कर बांध दिया. मुंह पर टेप लगा दिया और अगले दिन यानि 22 अप्रैल को गला दबाकर दोनों की हत्या कर दी. इसके बाद दोनों के शव उसी घर में दफना दिए. राजा, फिरोज, वाहिद और जुल्फिकार चारों मेरठ के पास के समोली गांव के रहने वाले हैं. यह चारों बंटी के पिता के लिए वेल्डिंग का काम करते थे. बंटी के पिता का लोहे का कारोबार गाजियाबाद के अकबरपुर इलाके में है. बंटी ने कत्ल के बदले इन सभी को एक-एक लाख रुपये देने का वादा किया था.
पांच लोगों की हत्या करने के बाद रेप के एक मामले में जेल में बंद मुनव्वर को बंटी ने बताया कि उसका परिवार लापता है. परिवार को खोजने के लिए उसने 17 मई को मुनव्वर की जमानत कराई और 18 मई को वह मुनव्वर के साथ बुराड़ी थाने में गुमशुदगी की शिकायत देने गया. इसके बाद 20 मई को मुनव्वर के घर में ही उसे गोली मरवा दी. हत्या के बाद उसने मुनव्वर के फोन पर कई मिस कॉल भी किए और बाद में खुद ही पुलिस को हत्या की जानकारी दी ताकि पुलिस को उस पर शक न हो.

साल 2000 में मुनव्वर भी इसी इलाके में प्रॉपर्टी का काम करता था. इसी दौरान बंटी के पिता से मुनव्वर की दोस्ती हो गई थी. फिर बंटी के पिता ने बंटी को मुनव्वर के साथ उसके धंधे में लगा दिया. इसके बाद मुनव्वर का काम तेजी से बढ़ने लगा. बंटी की मुनव्वर से दोस्ती धीरे-धीरे गहरी होती गई. यहां तक कि उसने मुनव्वर की पत्नी सोनिया को अपनी बहन बना लिया.
जब धंधा आगे बढ़ा तो बंटी मुनव्वर का पार्टनर बन गया. यह लोग बुराड़ी इलाके में जमीन और घरों पर कब्ज़ा करने लगे. वे विवाद वाली जमीन खरीदते और मुनाफा कमाते. इस बीच बंटी को लगने लगा कि उसकी मेहनत का मजा मुनव्वर ले रहा है. वह अपना हिस्सा मांगने लगा. बंटी पर कर्ज भी हो गया था. इस बीच बंटी को 20 लाख रुपये की जरूरत पड़ी तो मुनव्वर ने नहीं दिया. इसके बाद उसने मुनव्वर की सभी संपत्तियों पर कब्ज़ा करने के लिए यह पूरी साजिश रची.
पुलिस ने सोमवार को बुराड़ी इलाके के एक मकान से मुनव्वर के दोनों बेटों के शव बरामद किए. यह शव करीब 5 फीट गहरा गड्ढा खोदकर दफनाए गए थे और ऊपर से लैंटर भी डाला गया था. शव जल्दी गल जाएं इसलिए उनके ऊपर नमक भी डाला गया था.
मंगलवार को पुलिस ने मेरठ के पास दौराला से मुनव्वर की पत्नी और उसकी दोनों बेटियों के शव भी बरामद कर लिए. यह शव करीब 10 फीट गहरा गड्ढा खोदकर दफनाए गए थे. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने आरोपियों को पीटने की भी कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें बचा लिया.
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