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नोएडा में फर्जी पुलिस कार्यालय खोलकर ठगी, ऐसे हुआ पर्दाफाश, 6 गिरफ्तार

नोएडा पुलिस ने फर्जी पुलिस कार्यालय चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. साथ ही छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी लोगों को झांसा देते थे कि वह उनके पुलिस के काम करवा सकते हैं.

नोएडा में फर्जी पुलिस कार्यालय खोलकर ठगी, ऐसे हुआ पर्दाफाश, 6 गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपी मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं.
  • नोएडा पुलिस ने एक फर्जी पुलिस कार्यालय का भंडाफोड़ किया है और उसे चलाने वाले छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
  • आरोपी इंटरनेशनल पुलिस और क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के नाम से फर्जी पुलिस कार्यालय के जरिए भ्रमित कर रहे थे.
  • पकड़े गए सभी आरोपी मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और उनके वित्तीय लेनदेन की जांच जारी है.
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नोएडा:

नोएडा के थाना फेज 3 पुलिस ने एक फर्जी पुलिस कार्यालय का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है. साथ ही इसका संचालन कर रहे छह लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. यह लोग फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग कर खुद को एक सरकार से जुड़ी रजिस्टर्ड संस्‍था के रूप में प्रस्तुत करते थे. हालांकि पुलिस पूछताछ में उनके पास से कोई भी आवश्यक दस्‍तावेज बरामद नहीं हुए हैं. गिरफ्तार लोगों के खिलाफ विभिन्‍न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.  

नोएडा पुलिस ने विभाष चंद्र अधिकारी, आरग्य अधिकारी, बाबुल चंद्र मंडल, पिंटू पाल, समापदमल और आशीष कुमार को सेक्टर 70 स्थित फर्जी कार्यालय से गिरफ्तार किया है.

हफ्ते भर पहले ही शुरू हुआ था पुलिस का फर्जी कार्यालय

सेंट्रल नोएडा के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि इन लोगों ने 4 जून को कार्यालय खोलने के लिए रेंट एग्रीमेंट किया था और एक हफ्ते से बोर्ड लगाकर ऑफिस का संचालन कर रहे थे. जब शिकायत मिली तो जांच के दौरान पता चला कि यह लोग 'इंटरनेशनल पुलिस और क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो' के नाम से लोगों को भ्रमित कर रहे थे. उन्‍होंने बताया कि आरोपी लोगों को झांसा देते थे कि वह उनके पुलिस के काम करवा सकते हैं और खुद को पुलिस का एक समानांतर सिस्टम दिखाकर लोगों से ठगी कर रहे थे.  

खातों की जानकारी भी खंगालने में जुटी नोएडा पुलिस

डीसीपी सेंट्रल नोएडा ने बताया कि आरोपियों ने अपने लोगो में जिन रंगों का इस्‍तेमाल किया है, वो पुलिस का रंग है. साथ ही उन्‍होंने बताया कि वो एक राज्‍य सरकार के पुलिस के लोगो से मिलता-जुलता है. हालांकि उसका इनके पास उसका कोई भी कॉपीराइट या ट्रेडमार्क या लोगो का रजिस्ट्रेशन नहीं है. इस तरह के इनके पास कई चीजें मिली हैं जिसके जरिए इन्‍होंने अपनी एक पुलिस जैसी छवि बनाने की कोशिश की है. 

शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. इनके पास 9 मोबाइल फोन, 17 स्टांप मोहर, 6 चेक बुक,  9 आईडेंटिटी कार्ड, एक पैन कार्ड, एक वोटर आई कार्ड, 6 एटीएम कार्ड, तीन तरह के विजिटिंग कार्ड, मंत्रालय से प्राप्त सर्टिफिकेट,  कंप्यूटर और चार इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो के बोर्ड बरामद किए गए हैं. पुलिस उनके खातों के रिकॉर्ड, ट्रांजेक्‍शंस की जानकारी जुटा रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि यह मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराध से तो नहीं जुड़े हैं. 
 

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