
- ED ने गोवा, नई दिल्ली और चंडीगढ़ में 10 अक्टूबर को छह ठिकानों पर PMLA के तहत छापेमारी की
- आरोप है कि यशवंत सावंत और अन्य ने अंजुना की कम्युनिडाडे की जमीन को फर्जी दस्तावेजों से अपने नाम कराया और बेचा
- छापेमारी में जमीन से जुड़े दस्तावेज़ और करीब डेढ़ लाख अमेरिकी डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी बरामद
गोवा में जमीन घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय ने 10 अक्टूबर को बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने गोवा, नई दिल्ली और चंडीगढ़ में कुल 6 ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी की यह कार्रवाई PMLA के तहत की गई. यह मामला यशवंत सावंत और अन्य लोगों से जुड़ा है, जिन पर अंजुना की कम्युनिडाडे की जमीन को धोखाधड़ी से अपने नाम कराने और बेचने का आरोप है. ईडी की टीमों ने छापेमारी के दौरान कई अहम सबूत बरामद किए हैं.
छापेमारी में क्या कुछ बरामद
बरामद सबूत में डिजिटल रिकॉर्ड, जमीन से जुड़े दस्तावेज़ और क्रिप्टो वॉलेट्स में रखी करीब 1.5 लाख अमेरिकी डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी (USDT) शामिल है, जिसे अब फ्रीज कर दिया गया है. जांच में सामने आया है कि आरोपी नकद रकम को गोवा की कई जमीनों में निवेश कर रहे थे. ईडी की जांच गोवा पुलिस की एक FIR पर आधारित है, जिसमें यशवंत सावंत और अन्य पर अंजुना गांव के सर्वे नंबर 496/1-A की जमीन को फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए अपने नाम कराने और बाद में उसे बेचकर मुनाफा कमाने का आरोप है.
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फर्जी तरीके से खरीदी जमीनों का खुलासा
इससे पहले 9 सितंबर 2025 को भी ईडी ने छापेमारी की थी, उस दौरान एजेंसी ने शिवशंकर मयेकर और उसके सहयोगियों द्वारा फर्जी तरीके से खरीदी गई कई जमीनों का पता लगाया था. ये जमीनें गोवा के अंजुना और असगाओ जैसे पॉश टूरिस्ट इलाकों में हैं. बाद में शिवशंकर मयेकर को 1 अक्टूबर 2025 को गिरफ्तार किया गया था. छापेमारी में ईडी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़, एमओयू (MoU) और लीज एग्रीमेंट्स मिले हैं, जो गोवा की अलग-अलग जमीनों से जुड़े हैं. इन दस्तावेज़ों में मुख्य आरोपियों और उनके साथियों के हस्ताक्षर पाए गए हैं.
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