दिल्ली पुलिस ने मुंडका इलाके में एक नकली कीटनाशक बनाने वाली फैक्टरी का भंडाफोड़ करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है और भारी मात्रा में नकली कीटनाशक बरामद किया है. बाहरी उत्तरी दिल्ली के डीसीपी परमिंदर के मुताबिक कीटनाशक बनाने वाली एक कंपनी की तरफ से शिकायत मिली थी कि मुंडका इलाके में एक कीटनाशक बनाने वाली फैक्टरी चल रही है जो उन्हीं के ब्रांड के नाम से नकली कीटनाशक बना रही है.
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर फैक्टरी के दो परिसरों की तलाशी ली और भारी मात्रा में नकली कीटनाशक बरामद किया. जांच में पता चला कि परिसरों के मालिक राकेश और ब्रम्हप्रकाश हैं. जांच में पता चला कि चार लोग मोहन लाल, अमन, विजय और राजेंद्र नकली कीटनाशक बनाने और उसे बेचने के काम में लगे हैं. ये लोग फसलों के बीज भी बेचते हैं और कहते हैं कि बीज के साथ हमारे कीटनाशक का प्रयोग करो.
आरोपी मोहन लाल और अमन को गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों से पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि मोहन लाल का दामाद नवीन दिल्ली के तीस हजारी रोड पर एक कीटनाशक की दुकान चलाता है. आरोपी अमन की भी इसी इलाके में कीटनाशक की दुकान है.
मोहन लाल और अमन के अलावा आरोपी विजय, जो कि बठिंडा का रहने वाला है, एक कुख्यात नकली कीटनाशक सप्लायर है और उसका सहयोगी राजू भी इस रैकेट में शामिल है. विजय और राजू दोनों कुख्यात नकली कीटनाशक आपूर्तिकर्ता हैं और उनके खिलाफ पहले भी इसी तरह के मामले दर्ज हैं. जांच में पता चला कि मोहन लाल का मोमबत्ती का कारोबार ठीक नहीं चल रहा था इसलिए उन्होंने विजय के साथ कारोबार करना शुरू कर दिया. अमन को भी उसके द्वारा लिया गया था क्योंकि उसकी कीटनाशक की दुकान ज्यादा कारोबार नहीं कर रही थी.
तय हुआ कि कीटनाशक की सप्लाई की जिम्मेदारी विजय की होगी. बुनियादी ढांचा और पैकेजिंग राजू द्वारा किया जाएगा और मोहन लाल और अमन दोनों उत्पादन देखेंगे. उन्होंने दो महीने पहले 40,000 रुपये प्रति माह किराये पर गोदाम लिया था.
अमन और मोहन लाल, दोनों ने ही इस धंधे में शुरुआती कदम रखा था और उन्होंने इसमें 9 लाख रुपये का शुरुआती निवेश किया है. इस मामले में बाकी दो आरोपियों की तलाश की जा रही है.
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