दिल्ली : हत्या के 2 मामलों में शामिल इनामी अपराधी को क्राइम ब्रान्च ने किया गिरफ्तार

2020 में पैरोल पर जेल से छूटने के बाद आरोपी को पता चला कि जिस प्रेमिका के लिए उसने एक डॉक्टर के बेटे का अपहरण किया था, उसने उसे धोखा देकर किसी और से शादी कर ली है.

दिल्ली : हत्या के 2 मामलों में शामिल इनामी अपराधी को क्राइम ब्रान्च ने किया गिरफ्तार

हत्या कर फरार हो गया था आरोपी. 

नई दिल्ली:

एआरएससी/क्राइम ब्रान्च की एक टीम ने क्रूर हत्यारे दीपक, 37 वर्ष, निवासी मंगोलपुरी, दिल्ली को गिरफ्तार किया है. कोरोना के कारण पैरोल मिलने के बाद दीपक ने पैरोल से भागकर एक होटल में अपनी प्रेमिका की नृशंस हत्या की थी. आरोपी दीपक एक लड़की के साथ संबंध में था और उसकी मांगों को पूरा करने और विलासितापूर्ण जीवन शैली की आदतों को पूरा करने के लिए उसने अपने चार साथियों के साथ एक आयुर्वेदिक डॉक्टर के बेटे के अपहरण की योजना तैयार की. जिसके बाद वे अपहृत लड़के को घरौंडा, करनाल, हरियाणा ले गए और उसके पिता से 20 लाख  रुपये की फिरौती मांगी.

अपहृत के पिताजी द्वारा मांग पूरी नहीं की गई तो आरोपी दीपक ने अन्य सह आरोपियों के साथ मिलकर लड़के की बेरहमी से हत्या कर दी और उसके शव को फेंक दिया. आरोपी दीपक को न्यायालय द्वारा अन्य सह-अभियुक्तों के साथ आजीवन कारावास एवं जुर्माने का दोषी ठहराया गया था. आरोपी को कोविड महामारी के दौरान पैरोल पर रिहा किया गया था. 2020 में पैरोल पर जेल से छूटने के बाद उसे पता चला कि जिस प्रेमिका के लिए उसने एक डॉक्टर के बेटे का अपहरण किया था, उसने उसे धोखा देकर किसी और से शादी कर ली है.

इसके बाद उसने उसे अपने जीवन से हटाने का फैसला किया. उसने अपनी प्रेमिका को सुल्तानपुरी इलाके में स्थित ओयो होटल के एक कमरे में बुलाया और चाकू से उसके गले पर बेरहमी से वार कर उसकी हत्या कर फरार हो गया. इस संबंध में थाना सुल्तानपुरी, दिल्ली में एक मामला प्राथमिकी संख्या 1296/20, भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दर्ज किया गया था. चूंकि अभियुक्त फरार था, उसे माननीय न्यायालय द्वारा उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया था. दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर 50,000 / रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था.

एआरएससी/क्राइम ब्रान्च  की एक टीम को घोषित अपराधियों पर निगरानी  रखने का काम सौंपा गया. हवलदार  सुनील और हवलदार गौरव को मंगोलपुरी, दिल्ली के क्षेत्र के पैरोल से भागे हुए मुलजिमो के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया. जानकारी जुटाने की कवायद के दौरान बाहरी दिल्ली के इलाके में भगोड़े दीपक की मौजूदगी के बारे में कुछ सुचना मिली. हवलदार सुनील शर्मा को सूचना मिली कि दीपक मंगोलपुरी क्षेत्र के आर-ब्लॉक में मौजूद है. इस जानकारी को सत्यापित किया गया और एक टीम का गठन किया गया.

टीम आर-ब्लॉक, सब्जी मंडी, मंगोलपुरी पहुंची, जहां मुखबिर ने एक व्यक्ति की ओर इशारा किया और उसकी पहचान भगोड़े दीपक के रूप में बताई दीपक पुलिस कर्मियों को देखते ही आर-ब्लॉक, सब्जी मंडी, मंगोलपुरी की गलियों में भागने लगा. हवलदार  गौरव और हवलदार  सुनील ने उसका पीछा करना शुरू किया, खुद को पुलिस  से घिरा हुआ पाकर  दीपक ने पथराव शुरू कर दिया व भागने की कोशिश की, लेकिन हवलदार सुनील और हवलदार गौरव ने उसे दबोच लिया.  

पूछताछ के दौरान आरोपी दीपक ने खुलासा किया कि उसने खुद को पुलिस से बचाने के लिए अपनी वेशभूषा बदल कर पांच राज्यो बिहार, असम, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में रहा व गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था. आरोपी दीपक 9वीं कक्षा तक ही पढ़ा है. वर्ष 2010 में जेल जाने से पहले वह निजी इलेक्ट्रीशियन की नौकरी कर रहा था और उसके पिता मादीपुर, दिल्ली में निजी नौकरी करते है.

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