टीम इंडिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत-पाकिस्तान के हाईवोल्टेज मुकाबले किस कदर रोमांचक होते हैं, इसकी झलक क्रिकेटप्रेमियों को शनिवार को मीरपुर में मिल गई। नेहरा की ओर से फेंके गए पारी की पहले ओवर से ही पाक टीम के विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया और शुरुआती 10 ओवर में ही विपक्षी टीम के छह विकेट गिर चुके थे। ऐसे में टीम इंडिया के समर्थकों का जोश पूरे शवाब पर था जबकि 'पाकिस्तान-पाकिस्तान की आवाज लगा रहे पड़ोसी देश के समर्थक खामोश पड़ चुके थे। पाक टीम जब मैच में 83 रन पर ढेर हो गई, तो सभी भारतीय जीत को महज औपचारिकता मान बैठे थे, लेकिन आमिर के पहले ही ओवर में गिरे दो विकेट ने रोमांच वापस लौटा दिया। अब दिल थामकर बैठने की बारी भारतीय प्रशंसकों की थी।
उम्मीदें तब और धूमिल होती लगीं, जब सुरेश रैना भी आमिर के शिकार बन गए। इस समय टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने खतरनाक साबित हो रहे पाकिस्तानी गेंदबाजों के ओवर संभलकर निकालने की रणनीति अपनाई। यह योजना काम आई और तमाम मुश्किलों से उबरते हुए टीम इंडिया ने आखिरकार मैच में पांच विकेट से जीत हासिल कर ली। आइए जानते हैं मैच से जुड़े वे पहलू, जो टीम इंडिया की जीत में मददगार बने....
दबाव के क्षणों में भारतीय बल्लेबाजों ने नहीं खोया धैर्य
शनिवार के मैच में दबाव के क्षणों में जहां पाकिस्तानी बल्लेबाजी बिखर गई, वहीं इसके विपरीत विराट कोहली और युवराज की जोड़ी ने अपना धैर्य बनाए रखा। मो. आमिर ने जब कहर बरपाते हुए रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे और सुरेश रैना को आउट किया था, तो टीम इंडिया 8 रन पर 3 विकेट गंवाते हुए तमाम परेशानियों में फंसी थी। ऐसा लग रहा था कि कम स्कोर वाले इस मैच को पाकिस्तानी टीम भी जीत सकती है। ऐसे समय विराट और युवराज की जोड़ी ने जबर्दस्त धैर्य दिखाया। इन्होंने आमिर का चार ओवर का स्पेल खत्म होने का इंतजार किया और सिंगल-डबल लेकर फील्डर्स पर दबाव बनाए रखा। आमिर के आक्रमण से हटते ही इन दोनों ने अपने हाथ खोले और टीम को जीत दिला दी।
कोहली ने सही वक्त पर दिखाई बल्ले की चमक
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाले विराट कोहली को श्रीलंका के खिलाफ घरेलू टी-20 सीरीज में आराम दिया गया था। एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ वे बड़ी पारी नहीं खेल सके, लेकिन इस कसर को शनिवार को पूरा कर दिया। उन्होंने भारत के लिए ऐसे समय पर 49 रन की पारी खेली जब टीम को इसकी सर्वाधिक जरूरत थी। बेशक युवराज ने उनका भरपूर साथ दिया, लेकिन पूरी पारी विराट के इर्दगिर्द ही केंद्रित रही।
गेंदबाजों को चुनौतीपूर्ण टोटल नहीं दे पाए पाक बल्लेबाज
दरअसल, शाहिद अफरीदी की टीम के बल्लेबाज वह स्कोर ही अपने बॉलर्स को नहीं दे पाए, जहां से उसके लिए कोई उम्मीद बंधती। मैच में पाक टीम यदि 120 के आसपास रन भी बना लेती तो इसका पीछा करना भारतीय बैट़समैनों को भारी पड़ सकता था। जब भी पाक टीम कुछ संभलती हुई दिखती, भारतीय गेंदबाज और क्षेत्ररक्षक उनका विकेट गिरा देते।
भारतीय गेंदबाजों को फील्डर्स का मिला पूरा सहयोग
गेंदबाजों को वास्तव में फील्डर्स पूरा सहयोग मिला। लगातार विकेट गिरने के कारण पाकिस्तान के पास विकेट के बीच तेज दौड़ लगाकर रन बनाने का ही विकल्प बचा था, लेकिन फील्डर्स ने यह हसरत भी पूरी नहीं होने दी। पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने जब भी इसके लिए कोशिश की, भारतीय फील्डर्स ने विकेट पर सटीक थ्रो फेंककर उन्हें आउट किया। शनिवार के मैच में पाकिस्तान के दो बल्लेबाज रन आउट हुए।
उम्मीदें तब और धूमिल होती लगीं, जब सुरेश रैना भी आमिर के शिकार बन गए। इस समय टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने खतरनाक साबित हो रहे पाकिस्तानी गेंदबाजों के ओवर संभलकर निकालने की रणनीति अपनाई। यह योजना काम आई और तमाम मुश्किलों से उबरते हुए टीम इंडिया ने आखिरकार मैच में पांच विकेट से जीत हासिल कर ली। आइए जानते हैं मैच से जुड़े वे पहलू, जो टीम इंडिया की जीत में मददगार बने....
दबाव के क्षणों में भारतीय बल्लेबाजों ने नहीं खोया धैर्य
शनिवार के मैच में दबाव के क्षणों में जहां पाकिस्तानी बल्लेबाजी बिखर गई, वहीं इसके विपरीत विराट कोहली और युवराज की जोड़ी ने अपना धैर्य बनाए रखा। मो. आमिर ने जब कहर बरपाते हुए रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे और सुरेश रैना को आउट किया था, तो टीम इंडिया 8 रन पर 3 विकेट गंवाते हुए तमाम परेशानियों में फंसी थी। ऐसा लग रहा था कि कम स्कोर वाले इस मैच को पाकिस्तानी टीम भी जीत सकती है। ऐसे समय विराट और युवराज की जोड़ी ने जबर्दस्त धैर्य दिखाया। इन्होंने आमिर का चार ओवर का स्पेल खत्म होने का इंतजार किया और सिंगल-डबल लेकर फील्डर्स पर दबाव बनाए रखा। आमिर के आक्रमण से हटते ही इन दोनों ने अपने हाथ खोले और टीम को जीत दिला दी।
कोहली ने सही वक्त पर दिखाई बल्ले की चमक
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाले विराट कोहली को श्रीलंका के खिलाफ घरेलू टी-20 सीरीज में आराम दिया गया था। एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ वे बड़ी पारी नहीं खेल सके, लेकिन इस कसर को शनिवार को पूरा कर दिया। उन्होंने भारत के लिए ऐसे समय पर 49 रन की पारी खेली जब टीम को इसकी सर्वाधिक जरूरत थी। बेशक युवराज ने उनका भरपूर साथ दिया, लेकिन पूरी पारी विराट के इर्दगिर्द ही केंद्रित रही।
गेंदबाजों को चुनौतीपूर्ण टोटल नहीं दे पाए पाक बल्लेबाज
दरअसल, शाहिद अफरीदी की टीम के बल्लेबाज वह स्कोर ही अपने बॉलर्स को नहीं दे पाए, जहां से उसके लिए कोई उम्मीद बंधती। मैच में पाक टीम यदि 120 के आसपास रन भी बना लेती तो इसका पीछा करना भारतीय बैट़समैनों को भारी पड़ सकता था। जब भी पाक टीम कुछ संभलती हुई दिखती, भारतीय गेंदबाज और क्षेत्ररक्षक उनका विकेट गिरा देते।
भारतीय गेंदबाजों को फील्डर्स का मिला पूरा सहयोग
गेंदबाजों को वास्तव में फील्डर्स पूरा सहयोग मिला। लगातार विकेट गिरने के कारण पाकिस्तान के पास विकेट के बीच तेज दौड़ लगाकर रन बनाने का ही विकल्प बचा था, लेकिन फील्डर्स ने यह हसरत भी पूरी नहीं होने दी। पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने जब भी इसके लिए कोशिश की, भारतीय फील्डर्स ने विकेट पर सटीक थ्रो फेंककर उन्हें आउट किया। शनिवार के मैच में पाकिस्तान के दो बल्लेबाज रन आउट हुए।
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