प्रतीकात्मक फोटो
मुंबई:
टीम इंडिया का मुख्य चयनकर्ता कौन होगा, नई चयन समिति में और कौन-कौन से किरदार अपना रोल निभाएंगे... इसके लिए लगभग 80 पूर्व क्रिकेटरों में मुकाबला होगा, क्योंकि उन्होंने इस भूमिका के लिए आवेदन दिया है. सीनियर, जूनियर और महिला क्रिकेट टीम के लिए पहली बार विज्ञापन देकर बीसीसीआई ने आवेदन मंगवाए थे.
चार साल संदीप पाटिल की अगुवाई में चयन समिति ने भारतीय क्रिकेट टीम चुनी. लेकिन 21 सितंबर को इस पूर्व क्रिकेटर, कोच और 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली चैंपियन टीम के क्रिकेटर के नेतृत्व वाली कमेटी का रोल खत्म हो जाएगा. नए चयनकर्ताओं के लिए अर्जी देने वालों में शामिल हैं पूर्व विकेटकीपर नयन मोंगिया, समीर दिघे और विजय दाहिया, पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद, अबे कुरूविला और अमित भंडारी. पूर्व स्पिनर नीलेश कुलकर्णी, ज्ञानेन्द्र पांडे और आशीष कपूर ने भी इस पद के लिए आवेदन दिए हैं.
नई चयन समिति कई मायनों में खास होगी. बोर्ड ने चयनकर्ताओं के लिए कुछ शर्तें रखी हैं, मसलन आवेदक ने वन-डे, टेस्ट मैच में भारत का प्रतिनिधित्व या कम से कम 50 प्रथम श्रेणी मैचों में भागीदारी की हो, प्रथम श्रेणी मैच खेलने वालों के नाम जूनियर राष्ट्रीय चयन समिति के लिए रखे जाएंगे. चयनकर्ताओं की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए. आवेदक ने आवेदन से कम के सम पांच साल पहले खेल से संन्यास लिया हो. आवेदक आईपीएल टीम, प्रबंधन या किसी और लीग का हिस्सा न हो, यह अनिवार्य नहीं, लेकिन आवेदक ने बोर्ड से मान्यता प्राप्त किसी सदस्य संघ के आयुवर्ग में चयनकर्ता की जिम्मेदारी निभाई हो तो बेहतर है. राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में पहले ही चार साल पूरे कर चुके उम्मीदवार योग्य नहीं होंगे.
इस रेस में फिलहाल मोंगिया और वेंकटेश प्रसाद की दावेदारी मजबूत नजर आ रही है. मोंगिया 44 टेस्ट और 140 वनडे खेल चुके हैं जबकि वेंकटेश प्रसाद ने 33 टेस्ट, 161 वन-डे खेले हैं. 46 साल के मोंगिया अभी बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन की सीनियर और जूनियर टीम के सिलेक्टर हैं. वहीं प्रसाद पूर्व गेंदबाजी कोच और वर्तमान में मौजूदा मुख्य जूनियर सिलेक्टर हैं.
बीसीसीआई ने अपनी शर्तों में लोढा कमेटी की कई सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया है. लोढा कमेटी ने तीन चयनकर्ता रखने का सुझाव दिया था लेकिन बोर्ड 5 चयनकर्ता रखने के पक्ष में है. वैसे वैकेंसी तीन की है क्योंकि बतौर चयनकर्ता गगन खोडा और एमएसके प्रसाद ने दो साल का कार्यकाल ही पूरा किया है. ऐसे में देखना होगा कि चयनकर्ताओं के चयन पर लोढा कमेटी का क्या रुख रहता है.
चार साल संदीप पाटिल की अगुवाई में चयन समिति ने भारतीय क्रिकेट टीम चुनी. लेकिन 21 सितंबर को इस पूर्व क्रिकेटर, कोच और 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली चैंपियन टीम के क्रिकेटर के नेतृत्व वाली कमेटी का रोल खत्म हो जाएगा. नए चयनकर्ताओं के लिए अर्जी देने वालों में शामिल हैं पूर्व विकेटकीपर नयन मोंगिया, समीर दिघे और विजय दाहिया, पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद, अबे कुरूविला और अमित भंडारी. पूर्व स्पिनर नीलेश कुलकर्णी, ज्ञानेन्द्र पांडे और आशीष कपूर ने भी इस पद के लिए आवेदन दिए हैं.
नई चयन समिति कई मायनों में खास होगी. बोर्ड ने चयनकर्ताओं के लिए कुछ शर्तें रखी हैं, मसलन आवेदक ने वन-डे, टेस्ट मैच में भारत का प्रतिनिधित्व या कम से कम 50 प्रथम श्रेणी मैचों में भागीदारी की हो, प्रथम श्रेणी मैच खेलने वालों के नाम जूनियर राष्ट्रीय चयन समिति के लिए रखे जाएंगे. चयनकर्ताओं की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए. आवेदक ने आवेदन से कम के सम पांच साल पहले खेल से संन्यास लिया हो. आवेदक आईपीएल टीम, प्रबंधन या किसी और लीग का हिस्सा न हो, यह अनिवार्य नहीं, लेकिन आवेदक ने बोर्ड से मान्यता प्राप्त किसी सदस्य संघ के आयुवर्ग में चयनकर्ता की जिम्मेदारी निभाई हो तो बेहतर है. राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में पहले ही चार साल पूरे कर चुके उम्मीदवार योग्य नहीं होंगे.
इस रेस में फिलहाल मोंगिया और वेंकटेश प्रसाद की दावेदारी मजबूत नजर आ रही है. मोंगिया 44 टेस्ट और 140 वनडे खेल चुके हैं जबकि वेंकटेश प्रसाद ने 33 टेस्ट, 161 वन-डे खेले हैं. 46 साल के मोंगिया अभी बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन की सीनियर और जूनियर टीम के सिलेक्टर हैं. वहीं प्रसाद पूर्व गेंदबाजी कोच और वर्तमान में मौजूदा मुख्य जूनियर सिलेक्टर हैं.
बीसीसीआई ने अपनी शर्तों में लोढा कमेटी की कई सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया है. लोढा कमेटी ने तीन चयनकर्ता रखने का सुझाव दिया था लेकिन बोर्ड 5 चयनकर्ता रखने के पक्ष में है. वैसे वैकेंसी तीन की है क्योंकि बतौर चयनकर्ता गगन खोडा और एमएसके प्रसाद ने दो साल का कार्यकाल ही पूरा किया है. ऐसे में देखना होगा कि चयनकर्ताओं के चयन पर लोढा कमेटी का क्या रुख रहता है.
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