इसमें कोई दो राय है ही नहीं कि पूर्व कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाजों में पहले ही शुमार हो चुके हैं. खेल के तीनों फॉर्मेटों में पचास से ऊपर का औसत सबकुछ बताने और समझाने के लिए काफी है. फिलहाल कोहली की नजरें सचिन तेंदुलकर के वनडे के 49 शतकों का रिकॉर्ड तोड़ने पर लगी हुई हैं. और विराट इससे सिर्फ तीन ही शतक दूर हैं. पिछले दिनों एशिया कप के सुपर-4 राउंड में विराट ने वनडे में 47वीं सेंचुरी जड़ी थी. अब पूर्व क्रिकेटर संजय मांजेरकर ने बल्लेबाजी के प्रदर्शन के अलावा दोनों के बीच कई समानताओं को इंगित किया है.
मांजरेकर ने कहा कि विराट और सचिन के बीच एक समानता यह है कि दोनों ही क्रिकेट खेलने का पूरा लुत्फ उठाते हैं. वे हमेशा ही मैदान पर रहना चाहते हैं. कोहली बांग्लादेश के खिलाफ टीम में नहीं थे, लेकिन सभी ने देखा कि वह 12वें खिलाड़ी की भूमिका निभाकर कितना खुश थे और पलों का लु्त्फ उठा रहे थे.
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उन्होंने कहा कि विराट सिर्फ खेलना चाहते हैं और साफ दिखता है कि वह टीम का हिस्सा होने का लुत्फ उठाते हैं. कोहली ने लंबे समय तक भारतीय टीम की कप्तानी की. ऐसे में यहां उनके अधूरे सपने पूरे होने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है. मांजरेकर ने कहा कि कोहली के लिए टीम के साथ जुड़ना, खिलाड़ियों के साथ यात्रा करना, मैदान पर जाना और विजयी पलों का हिस्सा बना पावर हासिल करने से ज्यादा अहम है.
मांजरेकर ने आगे कहा कि कोहली के लिए टेस्ट में सचिन से ज्यादा शतक बनाना खासा मुश्किल होगा. सचिन के टेस्ट में 51 शतक हैं, जबकि कोहली की अभी 29 ही सेंचुरी हैं. सचिन तेंदुलकर के सुनील गावस्कर से 17 शतक ज्यादा हैं. अच्छे खिलाड़ी के लिए तुलनात्मक रूप से वनडे में रन बनाना आसान है क्योंकि गेंदबाज हमेशा ही विकेट लेने की कोशिश नहीं करते. तेंदुलकर और कोहली स्पेशल हैं क्योंकि इन दोनों ने बहुत ज्यादा टेस्ट में रन बनाए हैं. हालांकि, मेरा मानना है कि कोहली के लिए 51 टेस्ट शतक बनाना खासा मुश्किल होगा.
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