100वें टेस्ट में हेलमेट पर लगी गेंद..और हो गया संन्यास का फैसला!

दुनिया का एक भी बल्लेबाज अपने 100वें टेस्ट में ऐसा कतई नहीं चाहेगा.लेकिन इस ऑस्ट्रेलियाई पूर्व क्रिकेटर के साथ ऐसा कुछ हुआ कि उसने टेस्ट क्रिकेट को हमेशा के लिए टा-टा कह दिया.

100वें टेस्ट में हेलमेट पर लगी गेंद..और हो गया संन्यास का फैसला!

जस्टिन लैंगर (पूर्व सलामी बल्लेबाज, ऑस्ट्रेलिया)

खास बातें

  • मखाया एंटिनी ने लैंगर को संन्यास पर मजूबर किया
  • सोमवार को जस्टिन लैंगर का 46वां जन्मदिन है
  • करियर के पहले टेस्ट में भी पड़ी थी बाउंसर की मार
नई दिल्ली:

क्रिकेट में लगी चोट या तो आत्मविश्वास को आसमान पर ले जाती है, या फिर इसे जमीन पर ला पटकती है. एक ऑस्ट्रेलिया पूर्व दिग्गज बल्लेबाज के 100वें टेस्ट मैच में एक तीखी बाउंसर ने उनके आत्मविश्वास को ऐसा हिलाया कि उन्होंने इसी मैच के दौरान संन्यास का फैसला ले लिया. वास्तव में पूर्व कंगारू लेफ्टी ओपनर जस्टिन लैंगर ने अपने 100वें टेस्ट को यादगार बनाने के लिए नेट पर जमकर पसीना बहाया था, लेकिन अपने करियर में बाउंसर के सामने कमजोर माने गए लैंगर का यह टेस्ट मुकाबला एक गलत वजह से यादगार बन गया, जिसे कोई भी बल्लेबाज अपने सपने में भी नहीं चाहेगा. मंगलवार को जस्टिन लैंगर का जन्मदिन है और वह 46 साल के हो गए हैं. 

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वैसे जस्टिन लैंगर की इस कमजोरी की शुरुआत उनके पहले ही टेस्ट में उभरकर सामने आ गई थी. साल 1993 में एडिलेड में विंडीज के खिलाफ खेले गए इस टेस्ट में भी मशहूर तेज गेंदबाज इयान बिशप की तीखी बाउंसर लैंगर के हेलमेट से जा टकराई थी. लेकिन तब लैंगर ने हथियार नहीं डाले और 54 रन की जुझारू पारी खेली. लेकिन शायद यह बिशप की बाउंसर का ही असर था कि जस्टिन लैंगर टेस्ट करियर के आगाज के बाद से वह अगले छह साल में सिर्फ आठ ही टेस्ट मैच खेल सके थे.

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लेकिन समय गुजरने के साथ ही लैंगर के खेल में तेजी से कायापलट हुआ. कल तक 'स्ट्रोलेसवंडर' करार दिए गए लैंगर ने  सभी को चौंकाते हुए साल 2004 में 1481 रन बनाकर  सभी को चौंका दिया.  एक समय ऐसा आया कि मैथ्यू हेडेन और लैंगर की जोड़ी ने गुजरे जमाने के क्रिकेटप्रेमियों की पसंदीदा सलामी जोड़ी गॉर्डन ग्रीनिज और डैसमंड हेंस को भी भुला दिया. दुनिया भर में इस सलामी जोड़ी की चर्चा हो रही थी. लैंगर ने देखते ही देखते सर्वाधिक शतकों के मामले में इयान चैपल व मार्क वॉ जैसे बल्लेबाजों को पीछे छोड़ दिया.

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लेकिन करियर के 100वें टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज मखाया एंटिनी की झन्नाटेदार बाउंसर ने जस्टिन लैंगर को बुरी तरह हिलाकर रख दिया. पहली पारी में हेलमेट पर लगी इस गेंद ने लैंगर के आत्मविश्वास को बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया. लैंगर रिटायर्ड हर्ट हो गए और इसके बाद उनका सारा समय होटल और ड्रेसिंग रूम में चिंतन-मनन में ही गुजरा. लैंगर दूसरी पारी में भी बल्लेबाजी की हिम्मत नहीं जुटा सके और इसी दौरान उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ आगामी एशेज सीरीज में खेलने के साथ ही टेस्ट क्रिकेट को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया.

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हालांकि, साल 2006 में हुई बाउंसर घटना के करीब आठ महीने बाद ब्रिसबेन में एशेज सीरीज के पहले टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में 82 और दूसरी पारी में नाबाद 100 रन जरूर बनाए, लेकिन 'बाउंसर कांड' के बाद लैंगर का आत्मविश्नवास इतना ज्यादा हिल चुका था कि शतक बनाने के बाद भी उन्होंने अपना संन्यास लेने का फैसला नहीं ही बदला.


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