
नई दिल्ली:
विंडीज में खेले जा रहे छठे महिला टी20 विश्व कप में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में टीम मैनजमेंट द्वारा अहम मुकाबले में अनुभवी मिताली राज को बाहर बैठाना अभी भी चर्चा का विषय बना हुआ है. सेमीफाइनल में भारतीय टीम पहले बैटिंग करते हुए 19.3 ओवरों में सिर्फ 112 रनों पर ढेर हो गई थी. और हार के बाद तमाम लोग टीम मैनेजमेंट और कोच रमेश पोवार पर टूट पड़े. मिताली राज ने खेले 3 मैचों में 53.50 के औसत से 107 रन बनाए. लेकिन इसके बावजूद जब सेमीफाइनल जैसे मुकाबले से मिताली को बाहर किया गया, तो क्रिकेट जगत ने इस फैसले की तीखी आलोचना की. सेमीफाइनल मुकाबले में भारत पहले बल्लेबाजी करते हए 19.3 ओवरों में सिर्फ 112 रनों पर ढेर हो गया था. इंग्लैंड ने फिर उसे आसानी से आठ विकेट से मात दे कर फाइनल का टिकट हासिल कर लिया था.
इसमें उनके लगातार दो अर्धशतक भी शामिल हैं. और सेमीफाइनल में जैसी पिच और बल्लेबाजी के हालात थे, उसके हिसाब से मिताली की टीम को बहुत ज्यादा जरूरत थी. बहरहाल, अब टीम मैनेजर ने एक अग्रणी अखबार के हवाले से इस निर्णय के पीछे की कहानी का खुलासा किया है.
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टीम मैनेजर तृप्ति भट्टाचार्य ने खुलासा करते हुए बताया कि सेमीफाइनल मैच से पहले मैं हुई मीटिंग का हिस्सा था. इस मीटिंग में कप्तान, कोच और सेलेक्टर भी शामिल थीं. इस दौरान पिच और हालात के बारे में भी चर्चा हुई. और कोच रमेश पोवार ने कहा कि हमें सेमीफाइनल में विनिंग कॉम्बिनेशन के साथ मैदान पर उतरना चाहिए.
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आखिर में कोच रमेश पोवार ने भी चयनकर्ता की तरह हरमनप्रीत के इस फैसले का विरोध नहीं किया. बहरहाल, टीम मैनेजर ने मामले पर जरूर सफाई दी है, लेकिन कुल मिलाकर क्रिकेट के जानकार लोग अभी भी इस फैसले से खफा हैं. यह साफ कह रहे हैं कि मिताली को बाहर बैठाने के कारण ही टीम को हार हुई. अब देखने वाली बात यह होगी कि बीसीसीआई इस मामले पर क्या रुख अपनाता है.
I don't kn who the authority of Indian women cricket , but excluding Mithali Raj is like a team with out head.. Captain explanation absolutely baffling... What a scrap. #MithaliRaj #IndvsEng pic.twitter.com/Puc3JgcbrO
— Anil.N.Pillai (@AnilNPillai32) November 23, 2018
इसमें उनके लगातार दो अर्धशतक भी शामिल हैं. और सेमीफाइनल में जैसी पिच और बल्लेबाजी के हालात थे, उसके हिसाब से मिताली की टीम को बहुत ज्यादा जरूरत थी. बहरहाल, अब टीम मैनेजर ने एक अग्रणी अखबार के हवाले से इस निर्णय के पीछे की कहानी का खुलासा किया है.
दरअसल आयरलैंड के खिलाफ फील्डिंग करते हुए मिताली राज चोटिल हो गई थीं. इसके बाद वह चोट के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नहीं खेलीं और भारत ने इस मुकाबले में कंगारू बालाओं को मात दी थी. सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मिताली की बाबत सवाल पूछने पर कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा था, "हम इस मैच में विजयी संयोजन के साथ उतरना चाहते थे". लेकिन मैच में पहली गेंद फिंकने से पहले ही मिताली का मुद्दा सोशल मीडिया पर जोर-शोर से चल चुका था और पूर्व क्रिकेटरों सहित हर्षा भोगले ने इस फैसले पर सवाल उठाए थे.The games people play! Perhaps the only silver lining of such public mud-slinging is that Women's Cricket in India is finally "news". Bad news for the moment, but hopefully things will turn for the better. Patch up, girls.#HarmanpreetKaur #MithaliRaj pic.twitter.com/HXmdgEnm7G
— Swati Sengupta (@100percentSwati) November 23, 2018
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टीम मैनेजर तृप्ति भट्टाचार्य ने खुलासा करते हुए बताया कि सेमीफाइनल मैच से पहले मैं हुई मीटिंग का हिस्सा था. इस मीटिंग में कप्तान, कोच और सेलेक्टर भी शामिल थीं. इस दौरान पिच और हालात के बारे में भी चर्चा हुई. और कोच रमेश पोवार ने कहा कि हमें सेमीफाइनल में विनिंग कॉम्बिनेशन के साथ मैदान पर उतरना चाहिए.
मैनेजर ने कहा कि हरमनप्रीत और स्मृति मंधाना ने भी कुछ ऐसे ही विचार व्यक्ति किए. साथ ही, इन दोनों ने सेलेक्टर सुधा शाह से यह भी कहा कि एक अतिरिक्त गेंदबाज को खिलाने से टीम को फायदा होगा. सभी के विचार सुनने के बाद सेलेक्टर सुधा शाह ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त न करते हुए सेमीफाइनल की इलेवन को मंजूरी दे दी.This is what #womenempowerment is all about #Mithaliraj pic.twitter.com/uf9AFTrZhe
— prince kumar (@princek11443606) November 17, 2018
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आखिर में कोच रमेश पोवार ने भी चयनकर्ता की तरह हरमनप्रीत के इस फैसले का विरोध नहीं किया. बहरहाल, टीम मैनेजर ने मामले पर जरूर सफाई दी है, लेकिन कुल मिलाकर क्रिकेट के जानकार लोग अभी भी इस फैसले से खफा हैं. यह साफ कह रहे हैं कि मिताली को बाहर बैठाने के कारण ही टीम को हार हुई. अब देखने वाली बात यह होगी कि बीसीसीआई इस मामले पर क्या रुख अपनाता है.
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