भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने 2010 में हुए स्पॉट फिक्सिंग के बारे में पता होने के बावजूद आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) को इसकी सूचना नहीं देने को लेकर पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी को आड़े हाथों लिया है. चौधरी ने ट्विटर पर लिखा, "वास्तव में, जब उन्हें इस बारे में एक बार पता चल गया तो उन्हें तुरंत आईसीसी की भ्रष्टचार रोधी ईकाई को इसकी सूचना देनी चाहिए थी. एसीयू कैसे उनकी इस सूचना से निपटते, यह देखना बड़ा दिलचस्प होता"
Actually, once he became aware, he ought to have immediately reported it to the Anti Corruption Unit of the @ICC . How the ACU dealt with the information of him not having reported this would be interesting because it was a failure of his obligation Inder the code. https://t.co/BDUoHuV505
— Anirudh Chaudhry (@AnirudhChaudhry) May 4, 2019
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आईसीसी की नियम के अनुसार, "प्रतिभागियों को बिना किसी देरी के सभी संपर्कों, भ्रष्टाचार से संबंधित सूचनाएं, भ्रष्टाचार में शामिल होने के लिए निमंत्रण देने जैसी सभी तरह की गतिविधियों की जानकारी एसीयू को देना चाहिए." अफरीदी ने अपनी आत्मकथा 'गेम चेंजर' में कहा है कि साल 2010 में हुए स्पॉट फिक्सिंग कांड से पहले उन्होंने अपने टीम साथी सलमान बट्ट, मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ की गलत कामों से टीम प्रबंधन को अवगत कराया था. अफरीदी ने कहा कि उन्होंने जब इस मामले को टीम प्रबंधन के साथ उठाया तो फिर इसका हर्जाना उन्हें टेस्ट कप्तानी छोड़कर उठाना पड़ा.
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BCCI treasurer questions Shahid Afridi's 2010 conduct#ShahidAfridi#BCCI
— CricketNDTV (@CricketNDTV) May 5, 2019
READ: https://t.co/BEtFLwrny6 pic.twitter.com/GCsMAfFQ3N
उनका कहना है कि वह एजेंट मजहर माजीद, जो इस इस कांड के सबसे साजिशकर्ता और खिलाड़ियों के बीच हुए संदिग्ध बातचीत से अवगत थे. उन्होंने कहा कि ये बातचीत 2010 के श्रीलंका दौरे पर एशिया कप के दौरान हुई थी. अफरीदी ने लिखा, "मैंने रैकेट में शामिल मूल सबूतों को पकड़ लिया था, जो फोन संदेश के रूप में स्पॉट फिक्सिंग विवाद में शामिल खिलाड़ियों खिलाफ था. जब मैं उस सबूत को टीम प्रबंधन के पास ले गया और फिर इसके बाद आगे जो कुछ हुआ उसे देखकर पाकिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को चलाने वालों पर ज्यादा विश्वास नहीं होता"
VIDEO: कुछ दिन पहले ही एनडीटीवी ने केकेआर के खिलाड़ियों से बातचीत की थी.
पूर्व कप्तान ने आगे कहा कि उन्होंने पाकिस्तान टीम के अधिकारियों को इस बारे में सतर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा, "जब मुझे वे संदेश श्रीलंका में मिले तो फिर मैंने उस संदेश को टीम के कोच वकार यूनुस को दिखाया. दुर्भाग्य से, उन्होंने इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया. वकार और मैंने सोचा कि यह कुछ ऐसा है जिससे कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा"
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