कोलकाता:
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि वीवीएस लक्ष्मण ने तुरंत प्रभाव से संन्यास लेने का फैसला लेकर चयनकर्ताओं को कड़ा संदेश दिया है।
गांगुली ने कहा, श्रीकांत की बड़ी समस्या संवाद स्थापित नहीं कर पाना है। लक्ष्मण जैसे खिलाड़ी केवल दो टेस्ट मैचों के लिए खुद को फिट रखने के लिए इतनी मेहनत नहीं करता। अगर चयनकर्ता अपना मत लक्ष्मण को पहले ही बता देते, तो यह स्थिति पैदा नहीं होती। उन्होंने यह मामला अगस्त तक क्यों खींचा? शायद चयनकर्ताओं के विचार ने लक्ष्मण को ज्यादा निराश किया होगा।
गांगुली का मानना है कि श्रीकांत की चयन नीति भारतीय क्रिकेट के विकास के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा, ये (चयनकर्ता) भारतीय क्रिकेट के भविष्य को ध्यान में रखकर टीम का चयन नहीं करते, बल्कि कुछ घटा या बढ़ाकर संतुलन बनाने का प्रयास करते हैं।
गांगुली को इस बात पर भी आश्चर्य हुआ कि लक्ष्मण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उसकी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से बात नहीं हो सकी। गांगुली ने कहा, कप्तान को 24 घंटे उपलब्ध होना चाहिए। पता नहीं धोनी ने ऐसा क्यों किया? मुझे लगता है कि लक्ष्मण को अगर धोनी का समर्थन मिल जाता, तो स्थिति कुछ और हो सकती थी।
गांगुली ने कहा, श्रीकांत की बड़ी समस्या संवाद स्थापित नहीं कर पाना है। लक्ष्मण जैसे खिलाड़ी केवल दो टेस्ट मैचों के लिए खुद को फिट रखने के लिए इतनी मेहनत नहीं करता। अगर चयनकर्ता अपना मत लक्ष्मण को पहले ही बता देते, तो यह स्थिति पैदा नहीं होती। उन्होंने यह मामला अगस्त तक क्यों खींचा? शायद चयनकर्ताओं के विचार ने लक्ष्मण को ज्यादा निराश किया होगा।
गांगुली का मानना है कि श्रीकांत की चयन नीति भारतीय क्रिकेट के विकास के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा, ये (चयनकर्ता) भारतीय क्रिकेट के भविष्य को ध्यान में रखकर टीम का चयन नहीं करते, बल्कि कुछ घटा या बढ़ाकर संतुलन बनाने का प्रयास करते हैं।
गांगुली को इस बात पर भी आश्चर्य हुआ कि लक्ष्मण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उसकी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से बात नहीं हो सकी। गांगुली ने कहा, कप्तान को 24 घंटे उपलब्ध होना चाहिए। पता नहीं धोनी ने ऐसा क्यों किया? मुझे लगता है कि लक्ष्मण को अगर धोनी का समर्थन मिल जाता, तो स्थिति कुछ और हो सकती थी।
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