सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं (फाइल फोटो)
कोलकाता:
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का यह नया रूप माना जा सकता है. सौरव खेल स्पर्धाओं में माइंड गेम्स पर किताब लिख रहे हैं. हालांकि उनका मानना है कि किताब लिखना काफी उबाऊ काम है, जिस कारण वह आत्मकथा लिखने से हतोत्साहित हो रहे हैं. एक किताब के विमोचन के मौके पर गांगुली ने कहा, ‘बैठ कर किताब लिखना, किसी से लिखवाना, फिर उसकी खामियों को सुधारना और यह सुनिश्चित करना कि प्रकाशक के पास वह सही समय पर और सही रूप में पहुंचे.यह काफी उबाऊ काम है.’उन्होंने कहा, ‘लंबे समय से इस मामले में मेरा पीछा किया जा रहा लेकिन मैं अच्छा लेखक नहीं हूं. मुझे खेल में माइंड गेम्स पर किताब लिखने को कहा गया है. सौरव ने कहा, 'यह किताब खेल को लेकर खिलाड़ी का दिमाग कैसे विकसित होता है, पर आधारित है.मेरे लिये इसे लिखना काफी उबाऊ रहा.’गांगुली भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक है और कोच ग्रेग चैपल के साथ उनके विवाद उनकी इस किताब को रोचक बना सकते हैं.
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उन्होंने कहा, ‘मैंने आत्मकथा के बारे में सोचना शुरू नहीं किया है. सच कहूं तो पिछले 15-20 वर्षों में मैंने क्या किया है यह लिखने के लिये मेरे पास न तो समय है और न ही धैर्य.’यही नहीं, गांगुली को ज्यादा पढ़ने का भी बहुत ज्यादा शौक नहीं है. उन्होंने कहा, ‘जब मैं कप्तान बना था तब कई लोगों ने मुझ से पूछा कि क्या मैंने माइक ब्रेयरले की किताब ‘द अर्ट ऑफ कैप्टनसी’ या सुनिल गवास्कर की किताब ‘यस ओनली द फ्रंट पेज’को पढ़ा है,’
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उन्होंने कहा, ‘मैंने आत्मकथा के बारे में सोचना शुरू नहीं किया है. सच कहूं तो पिछले 15-20 वर्षों में मैंने क्या किया है यह लिखने के लिये मेरे पास न तो समय है और न ही धैर्य.’यही नहीं, गांगुली को ज्यादा पढ़ने का भी बहुत ज्यादा शौक नहीं है. उन्होंने कहा, ‘जब मैं कप्तान बना था तब कई लोगों ने मुझ से पूछा कि क्या मैंने माइक ब्रेयरले की किताब ‘द अर्ट ऑफ कैप्टनसी’ या सुनिल गवास्कर की किताब ‘यस ओनली द फ्रंट पेज’को पढ़ा है,’
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