नई दिल्ली:
खराब फॉर्म में चल रहे सचिन तेंदुलकर की आलोचनाओं से दुखी पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने कहा है कि इस स्टार बल्लेबाज को अपने भविष्य के बारे में चयनकर्ताओं से बात करनी चाहिए। इंग्लैंड के खिलाफ वर्तमान टेस्ट शृंखला में भी 39 वर्षीय तेंदुलकर का खराब फॉर्म जारी है। दूसरे टेस्ट मैच में वह दोनों पारियों में केवल आठ-आठ रन बना पाए। इंग्लैंड ने यह मैच चौथे दिन सुबह के सत्र में ही जीत लिया था।
तेंदुलकर की इस खराब फॉर्म को देखते हुए पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि अब समय आ गया है कि उन्हें चयनकर्ताओं से बात करनी चाहिए। अब कपिल ने भी अपने इस पूर्व साथी की 'हां' में 'हां' मिलाई। कपिल ने कहा, या तो चयनकर्ताओं को उनसे बात करनी चाहिए या सचिन को खुद उनके सामने अपनी बात रखनी चाहिए। समस्या यह है कि सचिन इस पर खुलकर बात नहीं कर रहे हैं और चयनकर्ता भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा, इससे प्रशंसकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है और ऐसे में जब सचिन खराब प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें कड़ी आलोचना सहनी पड़ती है। चयनकर्ताओं को उनसे खुलकर बात करनी चाहिए। वह (सचिन) नायक है और जब उन पर अंगुली उठती है तो वास्तव में बुरा लगता है।
उन्होंने कहा, यह बहुत बड़ी हार है। हम कभी अन्य टीमों को अपनी अनुकूल परिस्थितियों में हावी नहीं होने देते, लेकिन इस हार ने कुछ गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हम सभी जानते हैं कि धोनी ने पिछले आठ दस टेस्ट मैचों में खराब प्रदर्शन किया है तथा उनके प्रदर्शन को देखते हुए अंतिम एकादश में उनका स्थान संदेहास्पद लगता है। विश्व कप 1983 की विजेता टीम के कप्तान ने कहा, जब जीत मिलती है तो कप्तान पूरा श्रेय ले जाता है। इसी तरह से जब टीम हारती है तो दोष उस पर मढ़ा जाएगा। उन्होंने खुद को नीचा दिखाया और क्रिकेट प्रेमी भी ऐसा महसूस कर रहे हैं। कपिल ने हालांकि कहा कि राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज बल्लेबाजों के संन्यास के बाद टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इंग्लैंड के खिलाफ बाकी बचे दो मैचों में टीम वापसी करेगी।
तेंदुलकर की इस खराब फॉर्म को देखते हुए पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि अब समय आ गया है कि उन्हें चयनकर्ताओं से बात करनी चाहिए। अब कपिल ने भी अपने इस पूर्व साथी की 'हां' में 'हां' मिलाई। कपिल ने कहा, या तो चयनकर्ताओं को उनसे बात करनी चाहिए या सचिन को खुद उनके सामने अपनी बात रखनी चाहिए। समस्या यह है कि सचिन इस पर खुलकर बात नहीं कर रहे हैं और चयनकर्ता भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा, इससे प्रशंसकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है और ऐसे में जब सचिन खराब प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें कड़ी आलोचना सहनी पड़ती है। चयनकर्ताओं को उनसे खुलकर बात करनी चाहिए। वह (सचिन) नायक है और जब उन पर अंगुली उठती है तो वास्तव में बुरा लगता है।
उन्होंने कहा, यह बहुत बड़ी हार है। हम कभी अन्य टीमों को अपनी अनुकूल परिस्थितियों में हावी नहीं होने देते, लेकिन इस हार ने कुछ गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हम सभी जानते हैं कि धोनी ने पिछले आठ दस टेस्ट मैचों में खराब प्रदर्शन किया है तथा उनके प्रदर्शन को देखते हुए अंतिम एकादश में उनका स्थान संदेहास्पद लगता है। विश्व कप 1983 की विजेता टीम के कप्तान ने कहा, जब जीत मिलती है तो कप्तान पूरा श्रेय ले जाता है। इसी तरह से जब टीम हारती है तो दोष उस पर मढ़ा जाएगा। उन्होंने खुद को नीचा दिखाया और क्रिकेट प्रेमी भी ऐसा महसूस कर रहे हैं। कपिल ने हालांकि कहा कि राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज बल्लेबाजों के संन्यास के बाद टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इंग्लैंड के खिलाफ बाकी बचे दो मैचों में टीम वापसी करेगी।
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